इस मामले पर कमलनाथ सरकार के पंचायती राज मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सफ़ाई देते हुए कहा है, "यह गलती सरकार के स्तर से नहीं हुई है। निचले स्तर पर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। हमने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जिसने भी यह गलती की होगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।"
'दीनदयाल अंत्योदय रसोई' योजना के तहत ग़रीबों को केवल 5 रुपए में भोजन मुहैया कराया जाता था। भोपाल में यह योजना अप्रैल 2017 से शुरू की गई थी। भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित राज्य के कई अन्य शहरों में भी यह योजना शुरू की गई थी।
कॉन्ग्रेस ने अपने मंत्रियों को राज्य में विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। हर एक मंत्री को तीन-तीन विधायकों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा विधायकों को भाजपा के प्रलोभन से दूर रहने की सलाह दी गई है। कमलनाथ ने विधायकों को सदन में रहने को कहा।
सचिन पर आरोप है कि उसने अपनी फेसबुक वॉल पर बिजली कटौती का जिक्र करते हुए राज्य सरकार को गालियाँ दी और अपने पोस्ट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर भी लगाई, जिस पर एक कॉन्ग्रेस नेता ने पुलिस में उसकी शिकायत दर्ज करवा दी।
पिछले 8 वर्षों में इस योजना पर 700 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि ख़र्च की गई थी। 2018 में भाजपा सरकार ने इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। जबकि 2019 के बजट में इस योजना के बजट को 30 गुना कम कर दिया गया। सिर्फ़ 6 करोड़ रुपए ही आवंटित किए गए हैं।
कमलनाथ ने कहा, "कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सही कहा है। मैं नहीं जानता कि कॉन्ग्रेस की इस हार के लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन मैंने पहले इस्तीफे की पेशकश की थी। हाँ, मैं हार का जिम्मेदार हूँ। मुझे दूसरे नेताओं के बारे में पता नहीं है।"
समिति ने ऐसे 50,000 मुकदमे चिन्हित किए जो पिछले 15 वर्षों में भाजपा सरकार के कार्यकाल में कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ताओं व नेताओं पर दर्ज किए गए थे। मप्र में विपक्ष में बैठी भाजपा ने इसका विरोध किया है।
इससे पहले कमलनाथ सरकार ने बिजली की कटौती के लिए शिवराज सरकार में खरीदे गए खराब ट्राँसफॉर्मर्स को जिम्मेदार बताया था। अब कमलनाथ सरकार के अधिकारियों ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए बिजली कटौती के लिए पेड़ों में लटकने वाले चमगादड़ोंं को जिम्मेदार बता रहे हैं।
जब पुलिस अधिकारी ने कॉन्ग्रेसी नेता सनी राजपाल को रोक कर कुछ पूछना चाहा तो उन्होंने भड़कते हुए कहा कि वो पार्टी के स्पोक पर्सन (प्रवक्ता) हैं। इतना कहते-कहते वो पुलिस से हाथापाई करने लगे और ज़बरदस्ती अंदर चले गए।