सोमवार को कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन, इतना तय है कि यदि मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार गई तो उसका असर राजस्थान जैसे दूसरों राज्यों पर भी पड़ेगा। गुजरात, झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी कॉन्ग्रेस विधायकों में असंतोष है।
सियासी घमासान के बीच कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों का महँगाई भत्ता बढ़ा दिया है। कर्मचारियों का महँगाई भत्ता जुलाई 2019 से बढ़ाया गया है। आदिवासी नेता रामू टेकाम और राशिद सोहेल सिद्दकी को मध्य प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग का सदस्य बनाया है।
प्रदेश में इन दिनों काला दिन चल रहा है। सिंधिया जी के कारण प्रदेश में सरकार बनी लेकिन उनकी और उनके साथ उनके समर्थक विधायकों की कमलनाथ सरकार में उपेक्षा की गई। कमलनाथ ने ठान लिया था कि सिंधिया जी के समर्थित विधायकों को न तो कोई काम देना है न ही उनकी सुननी है।
दिग्विजय सिंह भले भाजपा पर आरोप लगा रहें हो और कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस उठापठक में जिन विधायकों के नाम सामने आए हैं उनमें 3 उनके ही करीबी बताए जाते हैं। एक विधायक सिंधिया खेमे के बताए जा रहे हैं।
कमलनाथ-सिंधिया के बीच तल्खी बढ़ने की खबर सामने आने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए। बताया जा रहा है कि कमलनाथ के घर पर हुई इस बैठक में सिंधिया के साथ कई मुद्दों पर नोंकझोंक हुई। पूरे मामले से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भी अवगत कराया गया है।
2018 में हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान तब के कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ़ करने का वादा किया था। उन्होंने तब यह भी कहा था कि ऐसा न कर पाने की स्थिति में वो अपने मुख्यमंत्री को बदले देंगे।
अतिथि विद्वान 28 दिन से धरने पर हैं। कफन ओढ़कर प्रदर्शन कर चुके हैं। खून से दीया जला चुके हैं। शहर की सड़कों पर शू पॉलिश कर विरोध जता चुके हैं। लेकिन, कमलनाथ कैबिनेट का मतभेद है कि मिटता नहीं।
कॉन्ग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान व्यापम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा था। इसी घोटाले के मास्टरमाइंड को बाद में BSP ने विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। कॉन्ग्रेस, Vyapam, बसपा, कमलनाथ की कड़ियों को जोड़ने पर...
"जहाँ कहीं हमारी पार्टी को 600-700 वोटों की लीड मिली, वहाँ पार्टी ने 50-50 करोड़ रुपए सड़क बनवाने के लिए मुहैया कराए हैं। अब और पैसे तब मिलेंगे जब हमारी पार्टी को लीड (चुनावों में बढ़त) मिलेगी।"