Tuesday, April 23, 2024
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हमने सोच समझकर निर्णय लिया, हम सिंधिया जी के साथ हैं, किसी के दवाब में नहीं हैं: सभी विधायकों ने जारी किया वीडियो

"कोई अगर कहे कि हम किसी के दवाब में यहाँ हैं तो ये बात गलत है हम अपनी मर्जी से यहाँ है और महाराज जी के साथ पहले से थे हैं और हमेशा रहेंगे। सरकार गिरना तय है, क्योंकि जब भी हम कमलनाथ जी से मिलने गए वह देखते ही बोलते थे चलो-चलो-चलो। तो इसलिए चलो-चलो वाली सरकार नहीं चलती।"

जिस दिन से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दिया उसी दिन से मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी देश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। एक तरफ तो सिंधिया ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। इसके डर से कमलनाथ अपनी सरकार को बचाने में लगे हुए हैं तो बीजेपी कमलनाथ की सरकार को गिराने में जुट गई है। इसी बीच इस्तीफा देने वाले कॉन्ग्रेस के 22 विधायक बेंगलुरु में मौजूद हैं, जहाँ से सभी विधायकों ने अपने बयान का वीडियो जारी कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जाने की बात कही है।

बेंगलुरू में मौजूद कमलनाथ सरकार में मंत्री रहीं इमरती देवी ने कहा, “हम सब 22 विधायक बेंगलुरू में हैं और सभी अपनी मर्जी से हैं। महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) के आशीर्वाद से हैं। महाराज जी ने अच्छा निर्णय लिया है। महाराज जी हमसे जहाँ भी जाने के लिए कहेंगे हम वहाँ जाने के लिए तैयार हैं। इमरती देवी ने आगे कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कॉन्ग्रेस ने महाराज जी की उपेक्षा की है। हम 10 साल तक लोगों से सरकार में आने पर वायदा पूरे करने की बात करते रहे, लेकिन जैसे ही राज्य में कमलनाथ की सरकार बनीं ऐसे ही जनता का कोई काम नहीं हुआ। इतना ही नहीं कमनलाथ ने हमारी एक नहीं सुनीं।

विधायक 2- “मैं आज भी सिंधिया जी के साथ हूँ और आगे भी सिंधिया जी के साथ रहूँगा। हम सभी 22 विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है।

विधायक 3- “कोई अगर कहे कि हम किसी के दवाब में यहाँ हैं तो ये बात गलत है हम अपनी मर्जी से यहाँ है और महाराज जी के साथ पहले से थे हैं और हमेशा रहेंगे। सरकार गिरना तय है, क्योंकि जब भी हम कमलनाथ जी से मिलने गए वह देखते ही बोलते थे चलो-चलो-चलो। तो इसलिए चलो-चलो वाली सरकार नहीं चलती।”

विधायक 4- “प्रदेश की जनता ने सिंधिया जी के नाम पर हमें वोट किया और सरकार बनी। हमें उम्मीद थी के प्रदेश में सिंधिया जी के नेतृत्व में सरकार चलेगी, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। महाराज जी ने पहले ही कहा था कि सरकार अपने वचन पत्र को लागू नहीं करती है तो हम जनता के हितों के लिए सड़कों पर उतरेंगे। इसके बाद भी कमलनाथ ने कहा कि जिसको सड़कों पर उतरना है उतरे। इससे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण रवैया अपनी ही सरकार में हमारे लिए क्या हो सकता है। इसलिए हमने यह कदम उठाया।

विधायक 5- हमने सोच समझकर निर्णय लिया है हम सिंधिया जी के साथ हैं और रहेंगे हम किसी के दवाब में नहीं हैं।

विधायक 6- हमारे बारे में लगातार भ्रम फैलाया जा रहा है हम सभी 22 विधायक अपनी मर्जी से यहाँ आए है। हम सभी महाराज जी के निर्णय से खुश हैं उन्होंने राष्ट्र हित में निर्णय लिया है। इतना ही नहीं हमारे संपर्क में 23 और अन्य कॉन्ग्रेस के विधायक हैं।

विधायक 7- हमने न तो किसी पद के लिए और न ही किसी स्वार्थ के लिए यह सब किया है बल्कि जिम्मेदारी के साथ देश हित में यह फैसला लिया है। हम सिंधिया जी के निर्णय से खुश हैं और उनके साथ हैं।

विधायक 8- मीडिया में जो भ्रामक खबरें आ रही है। मैं मीडिया के माध्यम से बता देना चाहता हूँ कि हम सभी 22 विधायक साथ हैं। जहाँ हमारे नेता का अपमान होता हो वहाँ हम हरगिज नहीं रह सकते।

विधायक 9- पिछले एक साल पहले प्रदेश में युवाओं के चेहरे पर जनता ने वोट किया और कॉन्ग्रेस की सरकार बनी, लेकिन सरकार में लगातार सिंधिया जी की उपेक्षा की गई। जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए हम अपनी मर्जी से यहाँ है और आगे भी सिंधिया जी के साथ रहेंगे।

विधायक 10- सवा साल पहले जो प्रदेश में सरकार बनी उसमें सिंधिया जी का बहुत बड़ा योगदान रहा, ग्वालियर क्षेत्र में 34 में से 27 सीटें सिंधिया जी की बदौलत मिली, लेकिन इसके बाद भी उनकी उपेक्षा की गई।

विधायक 11- प्रदेश में सरकार बनी तो सभी की इच्छा थी कि सिंधिया जी सीएम बनेंगे, लोकिन जनता को निराशा हाथ लगी इसके बाद फिर प्रदेश का अध्यक्ष भी उनको नहीं बनाया गया और फिर अब राज्यसभा सांसद के लिए भी उनका नाम नहीं रखा गया। इसलिए लोकतंत्र में इतना अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

विधायक 12- मीडिया में भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं कि हम कॉन्ग्रेस के संपर्क में हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है यह गलत है, जिस चेहरे की बदौलत प्रदेश में सरकार बनी हो उसी का वहाँ अपमान किया गया इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम सभी उनके साथ हैं।

विधायक 13- कॉन्ग्रेस ने सिंधिया जी के कद को कम करने की कोशिश की और उन्हीं की मेहनत से प्रदेश में सरकार बनी। अब कमलनाथ की सरकार का गिरना तय है।

विधायक 14- जहाँ महाराज जाएँगे मैं वहीं जाउँगी। वह हमारे नेता हैं। हम उनके साथ हैं और रहेंगे। मैं स्वेच्छा से यहाँ आई हूँ किसी के दवाब में नहीं।

विधायक 15- प्रदेश में इन दिनों काला दिन चल रहा है। सिंधिया जी के कारण प्रदेश में सरकार बनी लेकिन उनकी और उनके साथ उनके समर्थक विधायकों की कमलनाथ सरकार में उपेक्षा की गई। कमलनाथ ने ठान लिया था कि सिंधिया जी के समर्थित विधायकों को न तो कोई काम देना है न ही उनकी सुननी है।

विधायक 16- मैंने 5 बार चुनाव लड़ा है, चुनाव की शुरुआत मैंने अपने पिता जी के हुए अपमान का बदला लेने के लिए की थी। तब मेरी माँ ने कहा था अपमान सहने वाले अपमान करने वाले से ज्यादा दोषी होता है। इसलिए हम अपने महाराज जी का अपमान नहीं सह सकते।

विधायक 17- हम महाराज जी के साथ हैं मैं आज जो भी हूँ उन्ही की बदौलत हूं। विधायक पद से इस्तीफा देना उनके लिए एक बहुत छोटी सी बात है और यह मेरे लिए सौभाग्य की भी बात है।

विधायक 18- महाराज जी की बदौलत और प्रदेश की जनता की बदौलत प्रदेश में सरकार बनी, कॉन्ग्रेस ने लोगों की भावनाओं को खत्म किया और तब ये स्थित पैदा हुई। हम सभी सिंधिया जी के साथ हैं।

विधायक 19- आप सभी को जानकारी है जो भी प्रदेश में स्थिति है वह ठीक नहीं। लगातार सरकार में महाराज जी और उनके समर्थित विधायकों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा था। महाराज जी का जो भी निर्णय होगा वो हमारे लिए सर्वोपरि है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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