अशफाक ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि यूपी में उसकी जान को खतरा है, इसलिए हत्या के केस को दिल्ली या किसी अन्य राज्य में शिफ्ट किया जाए। इस मामले पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने...
इससे पहले, 15 नवंबर 2019 को नाका के खुर्शीदाबाद स्थित पार्टी दफ़्तर पर उर्दू में लिखा धमकीभरा पत्र उन्हें पहले भी मिल चुका है। इस पत्र में पार्टी के महासचिव समेत अन्य हस्तियों को भी कमलेश तिवारी की तरह मार देने की धमकी दी गई थी।
इमाद नाम का शख्स मधुर को पर्सनल मैसेज कर कहता है कि अगर मुस्लिम शरिया लॉ फॉलो करते हैं, तो इसमें उन्हें क्या दिक्कत है। फिर वह लिखता है, "वैसे तुम अपनी जान की परवाह करो, मुझे आशा है तुम्हें कमलेश तिवारी की तरह गला काटने की धमकियाँ न मिलती हों।"
हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर को लखनऊ के उनके दफ्तर में कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। हत्यारों को गुजरात एटीएस ने राजस्थान बॉर्डर से दबोचा था।
मौलाना पर कमलेश के हत्यारों को अपने घर में शरण देने का आरोप है। उसने उनकी आर्थिक मदद की। उपचार किया। 20-20 हज़ार रुपए के 2 जमानत एवं निजी मुचलका राशि दाखिल करने पर उसे जमानत दी गई है।
"16 नवंबर की शाम 4 बजे खुर्शेदबाग स्थित मेरे घर पर एक बंद लिफाफा भेजा गया। इसे खोलने पर उसके भीतर से 9 पन्ने का एक पत्र निकला। 2 पन्ने में उर्दू भाषा में कुछ लिखा हुआ था। उर्दू के पन्नों में लिखी बातों का हिंदी में अनुवाद कराया तो धमकी की बात सामने आई।"
हिन्दुओं के प्रति घृणित रुख रखने वाले 'जिहादी काका' अली सोहराब ने कमलेश तिवारी की हत्या के बाद जश्न मनाया था। उसने उनकी हत्या के बाद ट्विटर पर उन्हें दीवाली की बधाई दी थी। अपने इस कृत्य से उसने हिन्दुओं को चिढ़ाने का प्रयास किया था।
बीजेपी नेता मिश्र प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर हिंदूवादी छवि वाले नेता माने जाते हैं। हाल ही में इन्होंने एक कार्यकर्ता की हत्या को लेकर भीड़ को संबोधित करते हुए समुदाय विशेष अल्पसंख्यकों पर हमला किया था। जिसके बाद से ही इनके पास धमकी भरे फोन आने शुरू हो गए थे।
युसूफ का जुर्म की दुनिया से पुराना संबंध है। उसका पिता इशरत खान एक हिस्ट्रीशीटर है। उसने रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक गैंग तैयार किया था जो वसूली करता था।