कपिल मिश्रा ने एक विडियो शेयर कर बताया है कि बौखलाहट में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी आपस में ही सिर-फुटव्वल कर रहे हैं। ऐसे में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि पेट्रोल बम फेंका जाना भी इनके आपसी लड़ाई का ही नतीजा है।
जिनके बच्चे मरे, जिनकी बेटियों को नग्न करके दुराचार किया गया, जिनकी शादी में सिलिंडरों को उड़ाने की योजना थी, जिनके बच्चों को छः कट्टरपंथियों ने दो-दो घंटे चाकू मारे... उन्हें अब आर्थिक मदद से भी महरूम किया जाएगा? क्या मार डाले गए हिन्दुओं के परिवारों को सहायता करना पाप है? शेखर गुप्ता को दिक्कत किससे है?
पिछले तीन महीनों के उपद्रवों और फसादों के पीछे विपक्षी दलों की भड़काऊ बयानबाजी का सबसे महत्त्वपूर्ण रोल रहा है। पहले कॉन्ग्रेस की सोनिया गाँधी आदि का "आर-पार" की लड़ाई जैसे बयान आए, जिसमें उन्होंने सीएएए का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि कॉन्ग्रेस इस तरह का विरोध करने वाले लोगों के साथ खड़ी है।
कपिल मिश्रा ने ऐलान किया कि इन दंगों में जिन 7 लोगों की नृशंस हत्या की गई, उन सभी को 3-3 लाख रुपए दिए जाएँगे। वहीं, 5 गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपए दिए जाएँगे जबकि 3 पीड़ित परिवारों को 1-1 लाख रुपए दिए जाएँगे।
राह चलते किसी को पकड़ लो। उससे कुछ बुलवा दो। फिर उसे TV पर दिखाओ... और किसी को बदनाम कर दो। जब हंगामा हो तो सोशल मीडिया पर चुपके से एक ट्वीट डाल दो। - यह NDTV का फॉर्मूला है। दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में कपिल मिश्रा को बदनाम करने के लिए भी यही तरीका अपनाया NDTV ने, लेकिन दाँव उल्टा पड़ गया - बहुत गाली पड़ रही है।
NDTV का रिपोर्टर, कैमरा और माइक - सामने खड़ा संजय गुप्ता नाम का एक आदमी। इस आदमी के अनुसार कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ' भाषण के बाद हिंसा भड़की। लेकिन असली खबर इसके बाद है। NDTV इस आदमी को कपिल मिश्रा का मकान मालिक बताता है, जबकि सच्चाई यह है कि संजय नाम को कोई भी शख्स कपिल मिश्रा का कभी भी मकान मालिक नहीं रहा।