Friday, November 22, 2024

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Kashmir Conflict

UNSC में कश्मीर पर पाकिस्तान को फिर झेलनी पड़ी शर्मिंदगी, चीन ले सबक: रवीश कुमार

रवीश कुमार ने कहा कि चीन को वैश्विक आम सहमति के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक आम सहमति है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है।

‘नेहरू ने अलोकतांत्रिक तरीके से जोड़ा था 370, मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से हटाने का साहस दिखाया’

"पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अलोकतांत्रिक तरीके से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू करवाया था। मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का साहस दिखाया।"

‘I luv Burhan Wani’, ‘Mere Jaan Imran Khan’, ‘Zakir Musa come back’ लिखे सेब भेज रहे कश्मीरी

सरकार की दिल जीतने की कोशिशों को शांतिदूतों का यह 'करारा जवाब' है। पिछले ही महीने सरकार ने सेब उत्पादकों को सही मूल्य दिलाने के लिए योजना शुरू की थी- यह राज्य में पहली ऐसी योजना है।

सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होना चाहिए, देश के खिलाफ बोलने वालों को जेल जाना ही होगा: अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है, सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होना चाहिए। साथ ही गृह मंत्री शाह ने देश विरोधी गतिविधियों को लेकर भी अपना रुख एक बार फिर स्पष्ट करते हुए कहा है कि.....

कोई अलग देश बना रहा था, कोई पाकिस्तान से घड़ी मिला रहा था: 370 पर मोदी को ऐसे दिया था चैलेंज

कश्मीर से 370 जाने पर कभी "मार दूँगा-चीर दूँगा", तो कभी "ऐ जानेवफ़ा, ये ज़ुल्म न कर" का ऑड-ईवेन खेलने वाले इन नेताओं ने PM मोदी के साथ-साथ पूरे देश को जिस-जिस भाषा में धमकी दी थी, उसका पूरा कच्चा चिट्ठा यहाँ है। आज ये नेता कहाँ होंगे, क्या कर रहे होंगे, सोचिए...

35A उन्मूलन: 370 हटाने का वह ‘द्वार’, जिस पर ‘कश्मीरियत’ के जिहादी नेता दे रहे पहरा

हिन्दुस्तान की संसद की तरफ से 370 का हटाया जाना जिहादी मानसिकता वाले 'अलगाववादी' स्वीकार नहीं करेंगे। इसे रोकने के लिए 35A के पक्ष में 'कश्मीरियत' के तीनों गुट हार्डकोर जिहादी (लश्कर, जमाते-इस्लामी), 'सॉफ़्ट' जिहादी (हुर्रियत, आसिया अंद्राबी) और जिहादियों के हिमायती नेता...

कश्मीर में केन्द्र ने भेजे 10 हजार और जवान, 35A खत्म करने की अटकलें

जम्मू-कश्मीर में अभी राज्यपाल शासन है। इससे पहले देशभर से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को 24 फरवरी को कश्मीर भेजा गया था। उस समय लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था का हवाला देते हुए तैनाती की गई थी।

कश्मीर की स्थायी समस्या जवाहरलाल की ग़लतियों का परिणाम, नेहरू को Thank You बोलिए सुरजेवाला जी

अगर इस मामले को नेहरू द्वारा संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बजाए सेना को पूरे कश्मीर पर फिर से क़ब्ज़ा करने की अनुमति दे दी जाती तो आज इतिहास कुछ और ही होता। जबकि हुआ ये कि संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष विराम की बात कह डाली और तभी से कश्मीर मुद्दा एक खुला घाव बन कर रह गया है।

J&K गवर्नर बोले: गोलियाँ चलाने वालों को गुलदस्ता नहीं देंगे, गोलियों का जवाब गोलियों से ही दिया जाएगा

सत्यपाल मलिक ने कहा कि जन्नत के नाम पर युवाओं को बरगलाया जाता है कि हथियार उठाने पर वे जन्नत जाएँगे। उन्होंने कहा कि वास्तव में यहाँ के युवाओं के पास दो जन्नत हैं। एक तो खुद कश्मीर है और दूसरा वो जो वे एक अच्छा मुस्लिम बनकर बाद में हासिल करेंगे।

प्रिय होम मिनिस्टर, आतंकियों की लाशें परिवार को सौंप कर उन्हें हीरो बनाना कब बंद होगा?

इस दूसरे कार्यकाल में इन आतंकियों को हीरो बनाने से रोकना एक प्राथमिकता होनी चाहिए। जिसने निर्दोषों को क़त्ल के लिए बंदूक उठा ली, वो मानव नहीं है। जो मानव नहीं है, उसके न तो अधिकार हैं, न परिवार।

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