Sunday, September 1, 2024
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कोई अलग देश बना रहा था, कोई पाकिस्तान से घड़ी मिला रहा था: 370 पर मोदी को ऐसे दिया था चैलेंज

"370/35A हटा कर दिखाएँ। अगर ऐसा किया तो मैं अपनी घड़ी 15 मिनट पीछे कर लूँगा।" - यह जानना जरूरी है कि पाकिस्तान और भारत (कश्मीर) के स्थानीय समय में 15 मिनट का फ़र्क है।

जम्मू-कश्मीर के राज्य से केंद्र-शासित प्रदेश बनने और लद्दाख के घाटी से ‘आज़ाद’ होने के साथ एक ‘Recap’ भी लाज़मी है उन बयानवीरों के वीरता भरे बयान का, जो कश्मीर से 370 जाने पर कभी “मार दूँगा-चीर दूँगा”, तो कभी “ऐ जानेवफ़ा, ये ज़ुल्म न कर” का ऑड-ईवेन खेलते थे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला से लेकर पार्ट-टाइम क्रांतिकारी शेहला रशीद और ‘कश्मीर के केजरीवाल’ शाह फ़ैसल शामिल हैं।

‘पापा’ पापा होते हैं

प्रधानमंत्री मोदी को मोदी-समर्थकों के ‘पापा’ बताने वालीं शेहला रशीद शायद भूल गई थीं कि पापा होते क्या हैं, और देश के प्रधानमंत्री हर इंसान के बराबर ‘माई-बाप’ होते हैं। आज ‘पापा की मार’ खाकर शेहला रशीद अपने इस ट्वीट को याद कर रही होंगी।

370 भी खत्म, कश्मीर हिंदुस्तान में भी… लेकिन अब्दुल्ला घर में ‘कैद’

‘छोटू अब्दुल्ला’ ने दावा किया था, मोदी सरकार 1.0 के शपथ-ग्रहण के बमुश्किल 24 घंटे के भीतर, कि या तो कश्मीर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं बचेगा, या अनुच्छेद 370 बदस्तूर जारी रहेगा। उनका व्यंग्य उन उम्मीदों पर था, जो भाजपा के समर्थकों में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आ गई थी कि अब 370 के दिन गिनती के बचे हैं। गिनती शायद कुछ लम्बी हो गई (5 साल+), लेकिन आशा गलत नहीं निकली। गलत साबित ‘छोटू’ हुए, जो आज अपने घर में नज़रबंद हैं।

घड़ी किसी से भी मिलाइए, शाह फ़ैसल, हाज़िरी IST से ही होगी

इसी साल जब देश में लोक सभा चुनाव चल रहे थे, और लिबरलों के मुताबिक देश ‘साम्प्रदायिक तनाव और ध्रुवीकरण’ से गुज़र रहा था, तो कश्मीर के केजरीवाल माने जाने वाले शाह फ़ैसल ने आग में घी डालते हुए भाजपा को चुनौती दी कि 370/35A हटा कर दिखाए। साथ ही धमकी भी दी कि अगर ऐसा किया तो वे अपनी घड़ी भारतीय समय (IST) से 15 मिनट पीछे कर लेंगे। बहुत लोग शायद समझ न पाएँ, इसलिए यह जानना जरूरी है कि पाकिस्तान और भारत (कश्मीर) के स्थानीय समय में 15 मिनट का फ़र्क है। यानी 15 मिनट कम का अर्थ हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच कश्मीर का अलग देश बनाने की धमकी।

आज शाह फ़ैसल के पास आराम से समय होगा कि वे बैठें और तय करें कि वे अपनी कलाई पर बँधी घड़ी किस देश के समय से चलाना चाहते हैं। लेकिन खुदा-न-खास्ता अगर कश्मीर में किसी कचहरी या सरकारी दफ़्तर के चक्कर काटने पड़ ही गए, तो IST से ही करना पड़ेगा।

‘जंगली मोदी’ से घबरा गए?

वही शाह फ़ैसल, जो अप्रैल में भाजपा को 370/35A हटाने की चुनौती दे रहे थे, तीन महीने के भीतर अमित शाह-डोवाल के कश्मीर दौरे और उसके बाद सुरक्षा बलों की आवक से इतना बैकफ़ुट पर आ गए कि मोदी को ‘डील’ देने लगे। मोदी के ‘Man Vs Wild’ एपिसोड के प्रचार की पेशकश की, अगर मोदी सरकार 370/35A को बख्श दे तो।

तेल किसका निकला?

महबूबा मुफ़्ती ने कहा था लोकसभा चुनावों के अंतिम दौर में कि न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी; न भाजपा आएगी पलट कर, न अनुच्छेद 370 हटेगा। शायद इसीलिए जब जनता ने 90 मन तेल (भाजपा को भारी बहुमत) के साथ इन्हें लोकसभा भेज दिया तो महबूबा, जो खुद अंनतनाग में चुनाव हार गईं, की ज़बान फ़िसलने लगी। कभी 370/35A हटाने को बारूद से खेलना बतातीं, तो कभी हाथ जोड़ कर चिरौरी करतीं कि इस्लाम में हाथ जोड़ना मना है, फिर भी कर रही हूँ; मेरे 370/35A को बख़्श दो। राधा का ‘राग कश्मीर’ पर नृत्य तो अभी शुरू हुआ है!

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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