सोशल मीडिया पर आम लोगों द्वारा बरनौल के चित्र भेजे जा रहे हैं। इन चित्रों में बरनौल को ट्रक में भर कर भेजा जा रहा है, तो किसी चित्र में विमान से बरनौल बरसाए जा रहे हैं। आए इस गैलरी में उनमें से चुनिन्दा चित्रों को देखते हैं।
रतन सिंह ठाकुर अपने दोस्तों के साथ मतगणना केंद्र पर पहुँचे थे। नतीजे देखते हुए वो गश खाकर कुर्सियों पर गिर पड़े। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
शत्रुघ्न सिन्हा की हार के पीछे जो भी फैक्टर हैं, उनका न तो कॉन्ग्रेस से कुछ लेना-देना है और न ही भाजपा से। यह उनकी व्यक्तिगत हानि है, उनकी विफलता है, जिसके ज़िम्मेदार वह ख़ुद हैं। क्या हैं सिन्हा कि हार के कारण, समझिए स्थानीय समीकरणों के साथ।
भाजपा कभी भी 200 का आँकड़ा नहीं छू पाएगी और बीजेपी इस वक्त बौखलाई हुई है। इसीलिए वो एग्जिट पोल को अपने पक्ष में दिखाने के लिए सेटिंग कर रही है, ताकि छोटे-मोटे दल उनके साथ खड़े हो सकें।
कमलनाथ एक ऐसा नाम है, जिसने उत्तर प्रदेश में सिंधिया को भिजवाकर उनका क़द घटा दिया क्योंकि वहाँ कॉन्ग्रेस की बुरी हार तय थी। दिग्विजय को 'सबसे बड़ा नेता' और 'सबसे कठिन सीट' के ऐसे जाल में फँसाया, जिससे वह मध्य प्रदेश में एकछत्र राज कर सकें।
पाकिस्तानी मीडिया ने स्क्रॉल के इस लेख को हाथोंहाथ लिया। इसमें मोदी की जीत के पाँच कारण गिनाए गए हैं लेकिन काफ़ी ज़हरीले तरीके से। लिखा गया है कि इलीट लोग मोदी के बेअदबी भरे भाषणों से नाराज़गी जताते हैं। इनमें अशुद्धियाँ और नाटकीयता होती है।
प्रकाश राज के लिए अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी प्रचार किया था। वह अपनी जीत के प्रति इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र की बजाए दिल्ली और बेगूसराय में प्रचार शुरू कर दिया था।
MLA के. सुधाकर ने कहा कि जेडी (एस) के साथ गठबंधन एक "अपवित्र गठबंधन" था और कॉन्ग्रेस ने केवल 37 विधायकों के साथ पार्टी को सब कुछ दे दिया। उन्होंने गठबंधन को नैतिक रूप से ग़लत बताया।
कॉन्ग्रेस के निष्ठावान राजदीप सरदेसाई ने भी एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद ईवीएम फ़र्जीवाड़े की झूठी ख़बर उठाने के लिए विपक्षी नेताओं की खिंचाई की थी। राजदीप ने तर्क दिया था कि विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से बनाए गए हैं।