ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास नारे पर निशाना साधते हुए कहा था, "केवल बीजेपी यहाँ बचे और बाकी सब चले जाएँ, यही बीजेपी की राजनीति है। यह कभी नहीं हो पाएगा। भारत सभी का है। अगर सबका साथ नहीं रहेगा तो सबका विकास कैसे होगा? नागरिकता क़ानून किसके लिए है?"
ममता ने इन वारदातों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उन्हें हिंसा फैलाने के लिए भाजपा से रुपए मिले थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 'राज्य की बाहरी ताक़तों' ने मुस्लिम समुदाय का हितैषी होने का दावा करते हुए ये तड़फोड़ मचाई।
मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले में इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई गई है। नदिया, बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएँ सामने आई हैं।
ऐसा लगता है कि ममता ने विधानसभा चुनाव से पहले अपना वोट बैंक दॉंव पर लगा दिया है। मुस्लिम साथ बने ही रहेंगे, इसकी गारंटी नहीं है। ओवैसी सेंधमारी को तैयार हैं। इधर, मुस्लिम दंगाइयों के कारण हिन्दुओं में से अधिकतर भाजपा की तरफ रुख करते दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके साथ वही हो रहा है, जो औरंगज़ेब ने छत्रपति शिवाजी के साथ किया था। राज्यपाल ने कहा कि सरकार में पाँच-छह ऐसे मंत्री हैं जो उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि उन्हें सूचित किए बिना ही विश्वविद्यालयों में वीसी की नियुक्ति कर दी जा रही है।
बंगाल में घुसपैठियों और शरणार्थियों की अधिकांश बस्तियाँ उन जगहों पर बसी हुई हैं जोकि राज्य सरकार की हैं। मगर यहाँ बसने वाले लोग दरअसल मूल रूप से भारतीय नहीं हैं इसीलिए उन्हें अक्सर विरोध का सामना करना पड़ता है।
मंगलवार को घटना के कुछ घंटो बाद बनर्जी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा था कि कश्मीर में आतंकी हमलों में मारे गए मुर्शिदाबाद जिले के पाँच श्रमिकों के परिवारों को सभी तरह की मदद दी जाएगी।
इस हत्याकांड में मारे गए सारे मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के बाशिंदे थे। ये सभी किराए के घर में रहते थे। आतंकियों ने उन्हें घर में घुस कर घसीटते हुए बाहर निकाला और फिर गोली मार दी। ममता बनर्जी ने कहा कि वो इस घटना से काफ़ी आहत हैं।