जम्मू के जगती कैंप जाइए, दिल्ली के मजनू का टीला जाइए। देखिए वहाँ के कश्मीरी पंडितों के कुछ परिवारों की हालत। देखिए उनकी महिलाएँ क्या काम करने को मजबूर हैं! इनके लिए संविधान क्या कहता था 1990 में? इनके लिए संविधान अब क्या कहता है? इसके लिए न्यायपालिका क्या कह रही थी 1990 में? इनके लिए न्यायपालिका अब क्या कह रही है?
इस देश का दुर्भाग्य है कि यहीं पर मौज़ूद एक ऐसा बड़ा वर्ग पैदा हो चुका है जिसे भारतीय सेना के जज़्बों में भी राजनीति ढूँढ लेने में में गर्व महसूस होता है।
अनुपम खेर ने ट्वीट कर के कहा कि विडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट यूट्यूब पर फिल्म के ट्रेलर का विडियो खोजने पर चोटी के 50 परिणामों में भी ट्रेलर नहीं आ रहा है।