गाँधी की हत्या की पेंटिंग अपने बजट दस्तावेज पर छापने के कारण केरल सरकार विवादों के केंद्र में है। कॉन्ग्रेस और IUML भी इस मामले में वामपंथी सरकार को आड़े हाथों ले रही है।
धर्मनिरपेक्ष देश के एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की अदालत में गॉंधी की प्रतिमा स्थापित नहीं हो पाई। ऐसा करने वाले ही गाँधी के नाम को भुनाने के फेर में लगे रहते हैं। तो क्या उनके लिए गॉंधी प्रतीक से ज्यादा कुछ भी नहीं?
सेवादल की बैठक में कॉन्ग्रेस ने सावरकर पर विवादित पुस्तिका बॉंटी है। इसमें दावा किया गया है कि सावरकर ने 12 साल की उम्र में एक मस्जिद पर पथराव किया। अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए हिंदुओं को प्रोत्साहित किया।
दांगी ने कहा था कि यदि प्रज्ञा ठाकुर कभी मध्य प्रदेश आई तो उसका पुतला नहीं, बल्कि उसे पूरा का पूरा जिंदा जला देंगे। साध्वी ने उनके घर पहुॅंचने का ऐलान कर दिया है।
"सदन में मेरे द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से यदि किसी भी प्रकार से किसी को कोई ठेस पहुँची हो तो उसके लिए मैं ख़ेद प्रकट कर क्षमा चाहती हूँ। परंतु मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि संसद में मेरे बयानों को तोड़मरोड़ कर ग़लत ढंग से पेश किया गया है, मेरे बयान का सन्दर्भ कुछ और था।"
याद रहे कि 84 के उलट 48 में भी एक दंगा हुआ था, कॉन्ग्रेसियों ने ही कराया था। इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद जो हुआ, वो लगभग सबको याद है लेकिन 1948 को भी याद रखना जरूरी है, ताकि कॉन्ग्रेस के असली DNA को पहचाने सकें।