रक्षा मंत्रालय ने करीब ₹50,000 करोड़ की लागत से महत्वाकांक्षी ‘रणनीतिक साझेदारी’ मॉडल के तहत 6 एडवांस पनडुब्बियों के हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कार्टोसैट-3 एक उन्नत उपग्रह है। इसमें 0.2 मीटर (20 सेमी) के रिज़ॉल्यूशन को ज़ूम करने की क्षमता है। इस क्षमता को दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। इससे बंदूक या दुश्मन के बंकर में मौजूद हर छोटी से छोटी वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकेगा।
चिनूक एक मल्टीमिशन श्रेणी का हेलिकॉप्टर है। जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है। यह 9.6 टन वज़न उठा सकता है, जिसकी वजह से यह भारी मशीनरी, तोप और बख्तरबंद गाड़ियाँ लाने-ले जाने में सक्षम है।
यह बात चौंकाने वाली है कि भविष्य में देश का नेतृत्व करने की इच्छा रखने वाले राहुल गाँधी को ऐसी राष्ट्रीय आपात स्थितियों के दौरान आतंकी समूहों के साथ होने वाली जटिल वार्ताओं के बारे में पूरी और सही जानकारी अब तक नहीं है।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, जिसने 14 फ़रवरी को CRPF के क़ाफ़िले में एक बस के आगे अपने विस्फोटक से भरे वाहन को उड़ा दिया था, वो आतंकवादी ख़ान के साथ लगातार संपर्क में था।
इन राइफल्स के लिए पहली प्राथमिकता सेना को दी जाएगी, उसके बाद भारत के अन्य सुरक्षा बलों के लिए इसे उपलब्ध कराया जाएगाा और उसके बाद निर्यात पर गौर किया जाएगा।
गृह मंत्रालय द्वारा यह क़दम जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा 22 और 23 फरवरी को घाटी में जमात के 100 कैडरों को गिरफ़्तार करने के बाद उठाया गया है। गिरफ़्तार किए गए लोगों में आतंकी संगठन के प्रमुख अब्दुल हामिद फैयाज़ और प्रवक्ता वकील ज़ाहिद अली शामिल है।
जैश के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई पर सेना ने कहा, "हमारे पास सबूत हैं कि जो हम जो करना चाहते थे, टारगेट को जितना डिस्ट्राय करना चाहते थे। वो हमने किया। अब सरकार के ऊपर है कि वो एविडेंस देना है कि नहीं।"