अमेरिकी राजनयिकों और भारतीय विपक्षी नेताओं के बीच हाल ही में हुई बैठकों को लेकर विशेषज्ञ इस बात की चिंता जता रहे हैं कि अमेरिका भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है और यह आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
ओवैसी के ये सारे आरोप महज राजनीति से ही प्रेरित नजर आते हैं क्योंकि प्रधामंत्री कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें यह स्पष्ट तौर पर रेखांकित है कि प्रधामंत्री इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली मीटिंग में सिर्फ उन्हीं राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स से बात करेंगे, जिनके सदस्यों की संख्या दोनों सदनों में मिलाकर कम से कम 5 है।
एआईएमआईएम का विधायक खुद ही कह रहा है कि उसका फोन क्यों नहीं उठाया गया। इस घटना के बाद वीडियो वायरल से विधायक और उसके बदमाशों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की माँग को लेकर अस्पताल का समूचा स्टाफ अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गया है। हालाँकि, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों और एमरजेंसी चिकित्सा सुविधाएँ चालू रखी गई हैं।
पिछले तीन महीनों के उपद्रवों और फसादों के पीछे विपक्षी दलों की भड़काऊ बयानबाजी का सबसे महत्त्वपूर्ण रोल रहा है। पहले कॉन्ग्रेस की सोनिया गाँधी आदि का "आर-पार" की लड़ाई जैसे बयान आए, जिसमें उन्होंने सीएएए का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि कॉन्ग्रेस इस तरह का विरोध करने वाले लोगों के साथ खड़ी है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ईसाइयत, इस्लाम और हिन्दू धर्म के बीच का फर्क बताते हुए कहा, "हिन्दू धर्म जहाँ प्रत्येक मार्ग से ईश्वर की प्राप्ति सम्भव बताता है, वहीं ईसाइयत और इस्लाम दूसरे धर्मों को कमतर और शैतान का रास्ता करार देते हैं।"