Thursday, March 28, 2024
HomeराजनीतिAIMIM के नहीं हैं 5 सांसद, इसके लिए मोदी जिम्मेदार: मीटिंग का बुलावा न...

AIMIM के नहीं हैं 5 सांसद, इसके लिए मोदी जिम्मेदार: मीटिंग का बुलावा न मिलने पर ओवैसी ने बताया अपमान

ओवैसी ने कहा, "हैदराबाद और औरंगाबाद के लोगों ने मुझे और इम्तियाज जलील को चुना कि हम उनके मुद्दों को उठाएँगे। अब हमें इसी काम से रोका जा रहा है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल को कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का सहयोग पाने और उन्हें इसमें सहभागी बनाने के लिए एक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग का न्योता भेजा है। इस मीटिंग में खुद को आमंत्रित न किए जाने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए इसे हैदराबाद और औरंगाबाद के लोगों का अपमान करार दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ओवैसी का तर्क है कि वे इन दो संसदीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उन्हें मीटिंग में न बुलाया जाना इन क्षेत्रों के लोगों का अपमान है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करके एक ट्वीट में सवाल दागते हुए पूछा कि क्या औरंगाबाद और हैदराबाद के लोग कमतर इंसान हैं क्योंकि उन्होंने एआईएमआईएम को चुना? ओवैसी ने अपने ट्ववीट में कहा, “कृपया इसके बारे में स्पष्ट करें कि वे आपके ध्यान पाने के योग्य क्यों नहीं हैं? सांसद के तौर पर हमारा काम है कि हम आपके सामने हमारे लोगों की आर्थिक और मानवीय समस्याओं को रखें।”

एक और ट्ववीट में ओवैसी ने कहा, “हैदराबाद और औरंगाबाद के लोगों ने मुझे और इम्तियाज जलील को चुना कि हम उनके मुद्दों को उठाएंगे। अब हमें इसी काम से रोका जा रहा है। हैदराबाद में कोरोना के कुल 93 ऐक्टिव केस हैं, मैं इस बारे में अपने विचार रखना चाहता हूँ कि हम इस महामारी से कैसे लड़ सकते हैं और किन क्षेत्रों में हम कमजोर पड़ रहे हैं।”

हालाँकि ओवैसी के ये सारे आरोप महज राजनीति से ही प्रेरित नजर आते हैं क्योंकि प्रधामंत्री कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें यह स्पष्ट तौर पर रेखांकित है कि प्रधामंत्री इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली मीटिंग में सिर्फ उन्हीं राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स से बात करेंगे, जिनके सदस्यों की संख्या दोनों सदनों में मिलाकर कम से कम 5 है।

ऐसे में ओवैसी का यह कहना कि उनकी उपेक्षा की गई, अनर्गल प्रलाप के सिवाय कुछ नहीं। याद रहे कि कुछ रोज पहले ही ओवैसी ने कोरोना के कारण मरने वालों को शहीद बताया था। इस पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताते हुए इसे उन लोगों को प्रोत्साहन देना बताया था, जो तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद से फरार चल रहे हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘न्यायपालिका पर दबाव बना रहा एक खास गुट, सोशल मीडिया पर करता है बदनाम’: हरीश साल्वे समेत सुप्रीम कोर्ट के 600+ वकीलों की CJI...

देशभर के 600 से ज्यादा वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है। वकीलों का कहना है कि न्यायपालिका पर उठते सवाल और अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों को देखते हुए वो चिंतित हैं।

महुआ कांड में आया नाम, मोइत्रा के लिए गए कोर्ट… अब पुरी से पिनाकी मिश्रा को BJD ने किया बेटिकट: 4 बार के थे...

पिनाकी मिश्रा का टिकट पुरी से काट दिया गया है, BJD ने उनकी जगह अरूप पटनायक को उतारा है। महुआ मोइत्रा से उनकी नजदीकी इसका कारण हो सकता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe