बाँध निर्माण पर पीओके कार्यकर्ता ने बताया, "नीलम-झेलम नदी अब नाले जैसी बनती जा रही है। यह गंदगी से भरी हुई है। स्थानीय लोगों के पास पीने का पानी नहीं है।"
जहॉं भारतीयों के जाने पर प्रतिबंध है, वहॉं से एक दम्पति पवित्र मिट्टी लेकर आया। इस दम्पति की तुलना लोग हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने से कर रहे हैं।