"बालाकोट हमले से एक संदेश गया है कि हमारे प्लेन पाकिस्तान की हवाई क्षेत्र में गए और उन्होंने लक्ष्य साधा। ये एक बड़ा संदेश था जो बताता था कि हम चुप नहीं रहेंगे और प्रतिक्रिया देंगे।"
पीओके में पाकिस्तान के अवैध कब्जे के ख़िलाफ़ लोग आवाज़ उठा रहे हैं, जिसे मीडिया से दूर रखने और दबाने के लिए पाकिस्तान सरकार क्रूरतापूर्वक दमनकारी अभियान चला रही है।
इमरान खान की रैली में भीड़ दिखाने के लिए पाकिस्तान के एबटाबाद और रावलपिंडी से लोगों को ट्रकों में भरकर लाया गया। पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब ने बताया कि इस रैली का बहिष्कार करने पर पीओके की जनता को वैश्विक समुदाय से बधाई मिलनी चाहिए।
“हमें ऐसे बयानों की निंदा करने की जरूरत है। कश्मीर बंद नहीं है। वहाँ कर्फ्यू नहीं है। अगर कर्फ्यू होता तो लोगों को ‘कर्फ्यू पास’ के साथ बाहर निकलना होता।”
"आप दूसरों को उपदेश देते फिरते हो लेकिन अपने ही देश का मज़ाक बना रखा है। चंद्रयान-2 भारत का ऐतिहासिक मिशन है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। तुम सब चाहते हो कि यह असफल हो। तुम सब बस कश्मीर और चंद्रयान-2 को लेकर ही चिंतित हो।"
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पाकिस्तान को उसकी हरकतों पर चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा था भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकवाद फैलाना बंद कर दे, नहीं तो हम किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के नेता सरदार सागीर ने घाटी में बिगड़े हालात के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए उनका खुद का देश पाकिस्तान ही आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
"जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए आर्टिकल 370 के प्रावधान खत्म किए गए हैं। हमारा पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दरवाजे खटखटा रहा है और कह रहा है कि भारत ने गलती की है। पाकिस्तान से बात तभी होगी जब वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करेगा।"
हाल ही में गिलगित बाल्टिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के उस बयान का स्वागत किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीओके भी जम्मू कश्मीर का हिस्सा है और उसके लिए जान भी दे सकते हैं।
"हम भारत की विधायी इकाई में अपना प्रतिनिधित्व माँग रहे हैं। जम्मू-कश्मीर को बाँटकर बनाए गए दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में रिजर्व सीटों पर गिलगिट-बाल्टिस्तान के लिए भी सीटें होनी चाहिए। हमारा मानना है कि भारत की राज्यसभा और लोकसभा में भी हमारा प्रतिनिधित्व होना चाहिए। हम भारत का अभिन्न हिस्सा हैं।"