स्थानीय लोगों का कहना है कि अब्बास और उसके साथी सड़क पर कुर्सी लगाकर बैठे हुए थे, जिसे हटाने की बात को लेकर व्यापारियों ने पुलिसकर्मी के साथ अभद्रता और मारपीट की।
युवती के घर वालों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने फैज़ल, इरशाद, सोनू, हिना, लाइबा और मुश्ताक मलिक पर अपहरण के दौरान मदद करने के लिए मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने गुलशेर, गुलनवाज़ और युसूफ का जुलूस निकाला, उठक बैठक लगवाई और पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान तीनों नारे भी लगा रहे थे, ‘अपराध करना पाप है पुलिस हमारी बाप है।’
“हमने पहले भी इस तरह के अभियान चलाए हैं। अब हमने जिला प्रशासन और नगरपालिका के साथ मिलकर ऐसे लोगों के अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया है, जो आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं।”
घटना के वक्त भक्तों द्वारा माता की आरती की जा रही थी। उसी दौरान आरोपित वहाँ पहुँचे और कथित तौर पर अभद्रता करते, गाली देते हुए आयोजन को बर्बाद करने की धमकी दी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के शिरडी शहर से पिछले कुछ सालों से गायब हो रहे लोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस को मामले में संज्ञान लेने का निर्देश दिया है।
"मेरे भाई को खाँसी थी। वो दवाई लेने के लिए डॉ जावेद के पास गया था। जावेद को उनके एक लाख रुपए लौटाने थे। उसने मेरे भाई को जहरीला इंजेक्शन लगाया जिसके बाद उसकी मौत हो गई।"