एएमयू इंतजामियाँ ने आंदोलनकारी छात्रों के दवाब में आकर सभी कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है, जिससे उन छात्रों को ज़ोरदार धक्का लगा है, जो विश्वविद्यालय में कक्षाएँ संचालित होते और अपनी परीक्षाएँ समय पर देना चाहते थे।
हिन्दू घृणा से सने शाहीन बाग़ इलाक़े में CAA और NRC के ख़िलाफ़ ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ जैसे नारे लगाए गए थे। इस दौरान ऐसे पोस्टर भी देखे गए जिनमें हिन्दू धर्म की तुलना नाज़ीवाद से और स्वास्तिक का दुरुपयोग करते हुए विखंडित दिखाया गया।
सड़क जाम के कारण सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है। उन्हें स्कूल जाने में 2 घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है। दिल्ली, यूपी और हरियाणा- तीन राज्यों के लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। जाम की वजह से सिर्फ़ 1 ट्रैफिक सिग्नल को पार करने में 20 मिनट का समय लग रहा है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल अपने घर में बैठ कर हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं। यातायात ठप्प है, शिक्षा व्यवस्था ठप्प है। शाहीन बाग़ के लोगों ने CAA विरोधी प्रदर्शन के ख़िलाफ़ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। उन्होंने पूछा कि क्या हिन्दुओं की भावनाओं का कोई महत्व नहीं?
CAA के विरोध की आड़ में इस्लामिक कट्टरपंथियों और वामपंथियों ने हिंदू विरोधी नारे लगाए। 'फक हिंदुत्व' लिखकर 'ऊँ' चिह्न का भरी दुनिया के सामने अपमान किया। अब इसी इस्लामिक भीड़ ने शाहीन बाग के प्रोटेस्ट में जिन्ना वाली आजादी के नारे लगाए और वहाँ किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई।
इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर एबीवीपी की ओर से हमले में घायल हुए शिवम की कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं। इनमें दावा किया गया कि वामपंथी गुंडों द्वारा किए गए हमले में शिवम के सिर पर, गले पर चोटें आई हैं।
"प्रदर्शनकारियों की वजह से सड़कें अवरुद्ध हो रही थीं और आम लोगों एवं पर्यटकों को परेशानी हो रही थी। हमने प्रदर्शनकारियों से बाहर निकलने के लिए कई बार अपील की थी। अब उन्हें आजाद मैदान में स्थानांतरित कर दिया है।"
इससे पहले भी ऐसी कई ख़बरें आ चुकी हैं जिनमें JNU के छात्रों ने प्रोफेसर्स और वैज्ञानिकों को न सिर्फ़ बंधक बनाया बल्कि उनके साथ बदतमीज़ी करते हुए उन्हें गालियाँ भी दी। इनमें वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन जैसे नाम शामिल हैं जिन्हें उन्हीं की लैब में नहीं जाने दिया गया था।
20 दिन की उम्मी हबीबा को उसकी ही अम्मी ने कड़ाके के ठंड में मोदी विरोध की आग में झोंक दिया है। वामपंथी उस पर हाथ सेंक रहे। जबकि यही उम्मी बड़ी होगी तो पूछेगी- बिना कानून पढ़े, किसके उकसाने पर मेरी जान को खतरे में डाल आई थी?
मेंगलुरु हॉस्पिटल में दो लोगों के मरने की ख़बर आई है। ये दोनों मंगलुरु नार्थ पुलिस स्टेशन को आग के हवाले करने जा रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शन को हिंसक होते देख गोली चलाई और ये दोनों ही मारे गए। लखनऊ में भी एक प्रदर्शनकारी मारा गया।