Tuesday, October 8, 2024
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आजाद मैदान में वॉशरूम-पानी की व्यवस्था, इसलिए प्रदर्शनकारियों को किया वहाँ शिफ्ट: मुंबई पुलिस

डीसीपी संग्रामसिंह ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को हटाया नहीं गया है, बल्कि सिर्फ रीलोकेट किया गया है। वहाँ पर शौचालय और पानी की बेहतर व्यवस्था है, जबकि गेटवे ऑफ इंडिया के पास ऐसी कोई सुविधा नहीं थी।"

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा के विरोध में मुम्बई स्थिति गेटवे ऑफ इंडिया के बाहर सोमवार को रात भर प्रदर्शन किया गया। पुलिस का कहना है कि अब प्रदर्शनकारियों को गेटवे ऑफ इंडिया से हटाकर आजाद मैदान भेज दिया गया है। बता दें कि रविवार आधी रात को दक्षिण मुम्बई के कोलाबा में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने छात्रों और महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। बाद में अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर और विशाल ददलानी जैसी बॉलीवुड हस्तियाँ भी यहाँ पहुँचीं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने  ‘फ्री कश्मीर’ लिखे पोस्टर भी लहराए।

इस बारे में बात करते हुए डीसीपी संग्रामसिंह निशंदर ने कहा कि इन प्रदर्शनकारियों की वजह से सड़कें अवरुद्ध हो रही थीं और आम लोगों एवं पर्यटकों को परेशानी हो रही थी। उन्होंने कहा, “हमने प्रदर्शनकारियों से बाहर निकलने के लिए कई बार अपील की थी। हमने अब उन्हें आजाद मैदान में स्थानांतरित कर दिया है।” 

डीसीपी संग्रामसिंह के बयान का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाया नहीं है, बल्कि सिर्फ रीलोकेट किया है। क्योंकि वहाँ पर शौचालय और पानी की बेहतर व्यवस्था है, जबकि गेटवे ऑफ इंडिया के पास ऐसी कोई सुविधा नहीं थी। 

आपको बता दें कि इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने गेटवे ऑफ इंडिया से सटे ताज पैलेस होटल के वॉशरुम इस्तेमाल नहीं करने देने पर सवाल दागे थे। सोनिया मरियम नाम की महिला ने ताज होटल को ट्वीट करके प्रदर्शनकारियों को वॉशरूम इस्तेमाल न करने देने का कारण पूछा था।

उन्होंने ताज होटल को टैग करते हुए पूछा, “क्या कोई कारण है कि आप प्रदर्शनकारियों को वॉशरूम का उपयोग नहीं करने दे रहे हैं? इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का क्या मतलब है?” इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में वो ‘मानवाधिकार’ की बात करती नजर आईं। उन्होंने लिखा, “वाशरूम का उपयोग करने और एक प्रतिष्ठान से पानी माँगना मानवीय अधिकार है। सभी सार्वजनिक टॉयलेट में सैनिटरी सुविधा नहीं होती है, इससे मदद के बजाय नुकसान ही होता है।”

ताज होटल से इस तरह की माँग करना मूर्खतापूर्ण होने के साथ ही हास्यास्पद भी लगता है। एक यूजर ने तो इस प्रतिक्रिया देते हुए लिख भी दिया कि प्रदर्शन तो रोड पर होते हैं, फिर चाहे धूप हो, बारिश हो, या फिर कुछ और… लेकिन इनको वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए ताज चाहिए… और ये भेदभाव की बात करते हैं… हास्यास्पद।

वहीं एक यूजर ने लिखा, “कल को आप कहेंगे कि आपको फिर से विरोध प्रदर्शन पर उतरने से पहले थोड़ी देर के लिए आराम करने का अधिकार है, और इसलिए ताज से कमरे, कॉफी और शॉवर का उपयोग करने देने के लिए कहा जाए। इसके बाद आप इन अधिकारों के लिए भी एक और विरोध प्रदर्शन शुरू करने का सुझाव देंगे।”

गौरतलब है कि रविवार की शाम को हॉकी स्टिक और लोहे की छड़ों लैस नकाबपोश गुंडों ने दिल्ली के जेएनयू कैंपस में धावा बोला और हॉस्टल के छात्रों को निशाना बनाया। लाठी, पत्थरों और लोहे की छड़ों के साथ गुंडों ने हाथापाई, मारपीट और खिड़कियों, फर्नीचर सामानों की तोड़फोड़ की। उन्होंने एक महिला छात्रावास पर भी हमला किया। इस दौरान हिंसा में कम से कम 34 लोग घायल हुए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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