"सिद्धू का विभाग बदले जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। ऐसे में अब सिद्धू के लिए दो ही रास्ते बचे हैं- या तो वो नए विभाग का कार्यभार संभाल लें या फिर मंत्री पद छोड़ दें।"
"संसद का सत्र चल रहा है। सरकार को यह जानने के लिए मतदान कराना चाहिए कि संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-A को कौन-कौन रद्द कराना चाहते हैं। इससे राष्ट्र को राष्ट्रवादियों और गद्दारों के बारे में जानकारी मिलेगी।"
"इस मामले में युवक की कोई ग़लती नहीं थी लेकिन फिर भी युवती उसकी सरेराह पिटाई करती रही। कई लोग मौक़े पर तमाशबीन बने रहे। युवक सही साइड पर गाड़ी चला रहा युवती ग़लत साइड से उसके सामने आ गई और दोनों ही गाड़ियों में भिड़ंत हो गई।"
हत्या के आरोपित मनिंदर सिंह के घर पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मनिंदर की माँ का कहना है कि उन्हें जेल में हुई घटना की जानकारी नहीं है कि ये सब क्यों और कैसे हुआ, लेकिन मनिंदर अक्सर कहता था कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के साथ हुई बेअदबी बर्दाश नहीं की जाएगी।
जब स्मृति ईरानी ने दूसरी बार अमेठी के राजनीतिक अखाड़े में राहुल गाँधी को चुनौती दी थी तो कॉन्ग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उनकी खिल्ली उड़ाते हुए कहा था कि अगर वह (स्मृति) राहुल गाँधी को हरा ले गईं तो सिद्धू राजनीति छोड़ देंगे।
पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह के बीच चल रहा मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है। दोनों में चुनाव से पहले से ही जुबानी जंग जारी है।
जेबकतरे नवनिर्वाचित सांसद के साथ सेल्फी खींचने के बहाने कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अमर सिंह ने अकाली दल के दरबारा सिंह गुरु को करीब 94,000 मतों से हराया। इसके बाद जनता को धन्यवाद् करने के लिए उन्होंने क्षेत्र में अन्य स्थानीय नेताओं के साथ एक कार्यक्रम रखा।
बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू से दो टूक कहा है कि अगर वह कैप्टन के अंतर्गत कार्य करने में असमर्थ हैं तो उन्हें मंत्रिमण्डल से इस्तीफा दे देना चाहिए। बाजवा ने कहा कि सिद्धू को जब पता ही नहीं है कि जहाज का कप्तान कौन है, तो उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल बाहर किया जाए।
मंत्री मोहिंद्रा ने सिद्धू पर पीठ में छुरा घोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह बेवक़्त बयान देते जा रहे हैं। उन्होंने सिद्धू के बारे में कहा कि वो सिर्फ़ 2 सालों से ही कॉन्ग्रेस में हैं और अपना नियम झाड़ते हुए अपना अजेंडा लागू करना चाह रहे हैं।