Sunday, April 27, 2025
Homeराजनीतिविभाग संभालें या मंत्री पद छोड़ दें: कैप्टन के फरमान से बैट्समैन सिद्धू के...

विभाग संभालें या मंत्री पद छोड़ दें: कैप्टन के फरमान से बैट्समैन सिद्धू के राजनीतिक विकल्प लगभग खत्म

राहुल गाँधी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि कैप्टन को अपनी मर्जी से सरकार चलाने का अधिकार है और मंत्रिमंडल में फेरबदल का भी उन्हें विशेषाधिकार है। इसके बाद सिद्धू के लिए...

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनाव नए मुकाम तक पहुँच गया है। कैप्‍टन और नवजोत सिंह सिद्धू की तकरार घटने के बजाए और बढ़ गई है। कैप्‍टन अमरिंदर का सिद्धू को लेकर रुख आक्रामक हो गया है। राज्य के नए बिजली मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को नया विभाग मिले हुए 24 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना विभाग नहीं संभाला है। 24 दिन बाद भी कार्यभार नहीं संभालने के कारण सिद्धू का मंत्री पद खतरे में है। 

जानकारी के मुताबिक, अगर अगले कुछ दिनों में सिद्धू ने अपना मंत्रालय नहीं संभाला तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह उन पर एक्शन ले सकते हैं। इस मसले पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार (जून 29, 2019) को कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ लीडर अहमद पटेल से मुलाकात की। बता दें कि अहमद पटेल को अमरिंदर और सिद्धू के बीच मतभेद दूर कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मुलाकात के दौरान अमरिंदर ने साफ कर दिया कि वो सिद्धू का विभाग बदले जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई इरादा नहीं रखते। ऐसे में अब सिद्धू के लिए दो ही रास्ते बचे हैं- या तो वो नए विभाग का कार्यभार संभाल लें या फिर मंत्री पद छोड़ दें।

वहीं खबर ये भी है कि इस बारे में राहुल गाँधी ने भी ये साफ कर दिया है कि कैप्टन को अपनी मर्जी से सरकार चलाने का अधिकार है और मंत्रिमंडल में फेरबदल का भी उन्हें विशेषाधिकार है। गौरतलब है कि 6 जून को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट में फेर बदल किया था। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू से शहरी निकाय मंत्रालय विभाग वापस ले लिया था और उन्हें ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार सौंपा था। जिससे सिद्धू नाराज थे और उनकी नाराजगी अभी तक जारी है। इस बीच बिजली मंत्री के अभाव में बिजली सप्लाई पर असर पड़ा है। नए बिजली मंत्री सिद्धू की गैरहाजिरी में सीएम अमरिंदर खुद बिजली विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं और उन्हें लगातार निर्देश दे रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहलगाम हमले के बाद युनूस सरकार के कानूनी सलाहकार ने लश्कर के कर्ताधर्ता हारुन इजहार से की मुलाकात, कई आतंकी हमलों में वांछित आतंकी...

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार डॉ. आसिफ नजरूल ने पहलगाम हमले के ठीक एक दिन बाद लश्कर के बड़े आतंकी हारुन इजहार से मुलाकात की।

कौन कहता है आतंकियों का नहीं होता मजहब, एक-एक कर पढ़िए ये 14 नाम: सारे कश्मीर के, सारे मुस्लिम

पहलगाम हमले में शामिल पाँच आतंकियों की पहचान पहले ही हो चुकी है, जिनमें तीन पाकिस्तानी आतंकी आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा और दो स्थानीय आतंकी आदिल गुरी और अहसन शामिल हैं।
- विज्ञापन -