मनमोहन सिंह के राज में राजीव गॉंधी फाउंडेशन पर गृह मंत्रालय समेत समेत 7 मंत्रालय और सरकारी विभाग से लेकर 11 बड़े सार्वजानिक उपक्रमों ने दरियादिली दिखाई।
गर्भवती होने के कारण सफूरा जरगर की रिहाई की मॉंग करने वालों को नलिनी श्रीहरण के बारे में जानना चाहिए। वह गिरफ्तारी के समय दो महीने की गर्भवती थी और बाद में दोषी भी ठहराई गई।
कॉन्ग्रेस ने वीपी सिंह के खिलाफ अरुण गोविल से चुनाव प्रचार करवाकर इलाहाबाद के मतदाता की भावना भड़काने की कोशिश की थी। इलाहाबाद उपचुनाव उस समय हॉट टॉपिक था और राजीव गाँधी अपनी छवि को हिंदुओं के बीच बेहतर जताने का भी प्रयास कर रहे थे।
अमित मालवीय ने भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या के सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के संबधों का भी जिक्र किया। उन्होंने याद दिलाया कि एक अन्य भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी की ब्राइडल ज्वेलरी कलेक्शन का उद्घाटन राहुल गाँधी ने किया था और अब राणा कपूर से प्रियंका गाँधी के तार जुड़ते नज़र आ रहे हैं।
जब कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी सहित राजीव गाँधी के परिवार ने दोषियों को 'माफ' कर दिया और कहा कि हत्यारों को रिहा करने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, तो राजीव गाँधी के साथ मरने वालों के परिजन उनके इस कदम से खुश नहीं थे। राजीव गाँधी के साथ जान गँवाने वालों 13 लोगों के परिजनों की तरफ से सोनिया गाँधी या उनके बच्चे कैसे फैसला ले सकते हैं?
कॉन्ग्रेस कहती है कि वह धार्मिक भावनाओं को तवज्जो नहीं देती। फिर क्या कारण था कि अचानक राजीव गॉंधी हिंदू जनभावना के रथ पर सवार होने को बेचैन हो उठे? इसके लिए वे देवरहा बाबा के पास हाजिरी देने से भी पीछे नहीं हटे।