ट्विटर पर NDTV 'तांत्रिक' लिखकर इसे बेचता है ताकि कोई पढ़े तो लगे कि अपराधी हिन्दू होगा। ऐसा NDTV ने पहली बार नहीं किया है ऐसे हरकतें लगातार करता रहा है। अपने दर्शकों को झूठे और ट्विस्टेड सूचनाओं से बरगला कर एक मजहब को बचाने और हिन्दुओं और इसके प्रतीकों को बदनाम कर, वामपंथी और देश विरोधी विचारधारा से पोषित ऐसे न्यूज़ चैनल जो समाज में केवल समुदाय चहेता बनने के लिए हिन्दुओं को हर संभव बदनाम करने का खेल खुलेआम खेलते रहे हैं।
इस मामले में 13 दिसंबर को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में गवाही होनी है। लेकिन, उससे पहले ही आरोपितों ने पीड़िता के घर के बाहर धमकी भरा पोस्टर लगाकर पूरे परिवार को दहशत में डाल दिया। इसके अलावा, आरोपित पक्ष पीड़िता को कई बार जान से मारने की धमकी दे चुका है।
"8 दिसम्बर की रात मेरी बेटी शौच के लिए गई थी। वहीं से जाहिद, नसीर और ताहिर ने हथियार के बल पर उसका अपहरण कर लिया। फिर पास के जंगल में ले जाकर अपने साथियों अमर, बन्नू और बालू के साथ मिलकर उसका सामूहिक बलात्कार किया। फिर उन्होंने..."
अधीर रंजन चौधरी का बयान अरुचिपूर्ण तो है ही तथ्यों और आँकड़ों के आलोक में भी कहीं नहीं टिकता। जिस भारत को वो 'रेप इन इंडिया' बता रहे हैं, वह एक सालाना सर्वे में 117 देशों में बलात्कार के मामलों में 94वें नंबर पर है।
"उत्तर प्रदेश में 42389 पोस्को और 25749 बलात्कार के मामले अभी लंबित पड़े हुए हैं। इसके कारण राज्य सरकार ने ये बड़ा निर्णय लिया है। नए फ़ास्ट ट्रैक अदालतों के लिए जजों की भर्ती जल्द ही शुरू की जाएगी। हर कोर्ट का खर्च 75 लाख रुपए आएगा।"
जज शिल्पा समीर ने जब यह फ़ैसला सुनाया तो कोर्ट में मौजूद हर शख़्स मासूम की हत्या व बलात्कार की वारदात को सोचकर बेहद भावुक हो गया, लेकिन इस नृशंस वारदात को अंजाम देने वाले दरिंदे महेंद्र के चेहरे पर एक शिकन भी नहीं आई।
परिवार का आरोप है कि आरोपित शख्स ने घर में घुसकर पीड़िता के साथ रेप का प्रयास किया था लेकिन पीड़िता के विरोध के बाद जब वह नाकाम रहा तो उसने केरोसिन तेल छिड़कर पीड़िता को जिंदा जलाने की कोशिश की। पीड़िता 80 फीसदी जल चुकी हैं।
"मुझे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया है कि हमें 10 रस्सियाँ तैयार कर के रखनी हैं। मुझे ये नहीं पता कि इतनी बड़ी संख्या में फाँसी के फंदों वाली रस्सियों की माँग किस जेल ने की है? लेकिन हमलोग पूरी मेहनत से अपना काम करने में लगे हुए हैं।"
महाभारत की द्रौपदी वैसी नहीं थी जैसा उसे पूर्वग्रहों से ग्रस्त कुछ लोग दर्शाना चाहते हैं। क्या वो फैसले लेती नजर आती हैं? जवाब है- हाँ। जैसे आज के भारत में राष्ट्रपति के पास मृत्युदंड को क्षमा करने के अधिकार होते हैं, लगभग वैसे ही द्रौपदी भी मृत्युदंड माफ़ करती नजर आती है।
पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसे 'माँस के टुकड़े' की तरह हाथोंहाथ बेचा गया। आरोपितों ने उसके साथ बलात्कार किया। उससे जबरन 'मनपसंद सेक्स एक्ट्स' परफॉर्म करवाए, ओरल सेक्स किया और फिर उसके शरीर पर पेशाब कर दिया। उसे बार-बार बेचा गया।