एक दिन फराज ने महिला को फोन कर नगीना बुलाया। प्यार का झाँसा देकर उससे निकाह करने की बात कही। फराज ने अक्टूबर, 2016 में मौलवी को बुलवाकर अपने तीन दोस्तों के सामने पहले उसका धर्म परिवर्तन करवाया फिर मौलाना से फर्जी निकाह पढ़वा दिया। इसके बाद उसने महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए और 5 लाख रुपए भी लिए। कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन कुछ दिन बाद वह महिला से दूरियाँ बनाने लगा।
NIA ने कहा था कि साज़िशकर्ताओं का मकसद केवल रामलिंगम की निर्मम हत्या तक ही सीमित नहीं था, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना भी था। NIA ने यहाँ तक कहा था कि रामलिंगम की हत्या एक आतंकी गतिविधि थी, क्योंकि उन्हें मुस्लिम उपदेशकों द्वारा धर्म-परिवर्तन का विरोध करने के लिए मारा गया था।
"मेरी बेटी का धर्म-परिवर्तन कराने के मक़सद से उसे विभिन्न धार्मिक स्थलों पर ले जाता था। शादी का वादा करने पर मेरी नाबालिग बेटी ने रमज़ान पर रोज़ा रखना भी शुरू कर दिया था।"
मनीषा ने अपने पति रमज़ान अंसारी से प्रति माह तीन हज़ार रुपए बतौर गुज़ारा भत्ता और कमेटी का 40 हज़ार रुपए की माँग की है। रमज़ान ने यह रक़म देने पर मौखिक रूप से सहमति जताई है, इसलिए इस मामले में कोई मुक़दमा दर्ज नहीं किया जा रहा है।
कहाँ से आता है इतना दुस्साहस कि किसी के धार्मिक स्थल पर घुस कर उनके धर्म को नकली कहा जाए, उसका मजाक उड़ाया जाए? और कहीं से नहीं, हमारी तथाकथित ‘सेक्युलर’ व्यवस्था से ही...
यह संगठन (PFI) हादिया मामले में भी सक्रिय रूप से शामिल था। इसने उच्चतम न्यायालय में मामले को आगे बढ़ाने के लिए 1 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा भी किया था।
यूनिश का ईसाई परिवार पहले भी लोगों का धर्म परिवर्तन कराता रहा है। चीन कोठी की रहने वाली एक लड़की की इस परिवार ने मदद की थी और बदले में उसका धर्म परिवर्तन करा लिया था। इतना ही नहीं, उस लड़की की शादी एक ऐसे ईसाई लड़के से करा दी थी, जो उसे गर्भवती कर छोड़ गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में पाकिस्तान में अपनी आस्था के मुताबिक जिदंगी गुजारने पर अल्पसंख्यकों ने उत्पीड़न का सामना किया, उन्हें गिरफ्तार किया गया। यहाँ तक की कई मामले में उनकी मौत भी हुई।
आयोग ने अदालत को सूचित किया कि कथित चिकित्सा परीक्षणों से यह साबित हो गया था कि दोनों लड़कियाँ नाबालिग नहीं थी क्योंकि उनमें से एक 18 और दूसरी 19 वर्ष की थीं, इसलिए उन्हें नाबालिग नहीं कहा जा सकता।