Friday, March 29, 2024
Homeदेश-समाजरामलिंगम हत्या मामला: PFI कार्यालय में NIA की छापेमारी

रामलिंगम हत्या मामला: PFI कार्यालय में NIA की छापेमारी

पुलिस ने इस हत्या मामले में इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन PFI के एक सदस्य समेत पाँच लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार किए गए लोगों की पहचान एस निज़ाम अली, सरबुद्दीन, रिज़वान, मोहम्मद अज़रुद्दीन और मोहम्मद रायज़ के रूप में की गई थी।

रामलिंगम की हत्या मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने आज तिरुचिरापल्ली के पलकराई में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के कार्यालय में छापेमारी की। बता दें कि 6 फरवरी, 2019 को ‘पट्टली मक्कल काची’ (PMK) के 42 वर्षीय अधिकारी रामलिंगम की हत्या के उद्देश्य से हमला कर उनका हाथ काट दिया था।

रामलिंगम को धार्मिक रूपांतरण का विरोध करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के एक समूह द्वारा
पीएमके के एक अधिकारी 42-वर्षीय रामलिंगम पर, जो उस समय घर वापस जा रहे थे, उन पर हमला कर उनका हाथ काट दिया। गंभीर रूप से घायल रामलिंगम को कुंभकोणम के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने रामलिंगम को शहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में रेफर कर दिया। हालाँकि, अस्पताल ले जाते समय अत्यधिक रक्तस्राव के कारण रामलिंगम की मृत्यु हो गई। दरअसल, उन्होंने हिंदुओं के कन्वर्शन (मतांतरण) का विरोध किया था जिससे कुछ कट्टरपंथी धार्मिक संगठन उनसे परेशान हो गए थे।

पुलिस ने इस हत्या मामले में इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन PFI के एक सदस्य समेत पाँच लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार किए गए लोगों की पहचान एस निज़ाम अली, सरबुद्दीन, रिज़वान, मोहम्मद अज़रुद्दीन और मोहम्मद रायज़ के रूप में की गई थी। अब तक ग्यारह आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें से आठ PFI के हैं

बता दें कि केरल, तेलंगाना, कर्नाटक, असम, पश्चिम बंगाल, और बिहार जैसे राज्यों में PFI सक्रिय है। झारखंड सरकार द्वारा इस साल फरवरी में आपराधिक क़ानून संशोधन अधिनियम की धारा 16 के तहत राज्य में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और ISIS जैसे आतंकी समूहों के साथ संबंध रखने के कारण इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था। सरकार ने अन्य राज्यों से भी इसी तरह की कार्रवाई करने का आग्रह किया था। भाजपा नेता विनय सिंह ने आरोप लगाया था कि संगठन पीएम मोदी की हत्या की साज़िश रचने में भी शामिल था।

यह संगठन (PFI) हादिया मामले में भी सक्रिय रूप से शामिल था। इसने उच्चतम न्यायालय में मामले को आगे बढ़ाने के लिए 1 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा भी किया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन में तीसरी बार ‘CM की कुर्सी’ पर दिखीं सुनीता, किया ‘केजरीवाल को आशीर्वाद’ अभियान का ऐलान: मैसेज भेजने के लिए दिए नंबर,...

अरविंद केजरीवाल ने जो कुछ कोर्ट के सामने कहा उसके लिए बड़ी हिम्मत चाहिए, वो एक सच्चे राष्ट्रभक्त हैं, बिलकुल ऐसे ही हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों की तानाशाही से लड़ते थे।

जो डर दूसरों में भरा, उसी डर से खुद मरा मुख्तार अंसारी: पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह, माफिया पर POTA लगाने वाले पुलिस अधिकारी को...

पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह की मुख्तार की मौत पर प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि माफिया ने जो डर दूसरों में भरा था वही डर अंत में उस पर हावी हुआ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe