"महबूब ने उसका नाम बदलकर नाजनीन रख दिया था। 'जय द्वारिकाधीश' बोलने वाली हमारी बेटी ने 'अल्लाह-हू-अकबर' के नारे लगाने लगी। यही नहीं उसने नमाज पढ़ना भी शुरू कर दिया था।" पीड़िता का कोई अता-पता नहीं।
पादरी ने कहा कि ईसाई धर्मांतरण के मामले में पिछले 10 वर्षों में भारत में बहुत दिक्कतें आ रही हैं। साथ ही उसने कई NGO की विदेशी फंडिंग के लाइसेंस रद्द किए जाने का रोना रोया।
नोएडा में एक कंपनी में काम करने वाला राहिल खेड़ा की इस हिन्दू लड़की के अलावा अपने साथ काम करने वाली एक अन्य लड़की को भी धर्मांतरण के लिए फँसाने में लगा हुआ था।