Monday, November 11, 2024
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हिन्दू लड़की बनने जा रही थी मानव बम, पढ़ने लगी थी नमाज: पिता की शिकायत पर इस्लामी धर्मांतरण के बड़े रैकेट का पर्दाफाश

मोहम्मद राहिल ने पुलिस को बताया कि उसने शिकायतकर्ता की बेटी को इस्लामी तौर तरीके ऑनलाइन सिखाए थे। वह पीड़िता से ऑनलाइन निकाह भी कर चुका था और इस्लाम कबूल करवाने की स्टेज तक ले भी आया था।

उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने शनिवार (8 जुलाई 2023) को धर्मान्तरण के रैकेट का खुलासा करते 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम मोहम्मद राहिल, मुशीर और अब्दुल्ला अहमद हैं। राहिल और अब्दुल्ला पहले हिन्दू थे जिन्होंने बाद में इस्लाम कबूल कर लिया था। अब्दुल्ला अहमद पूर्व में AMU और वर्तमान में देवबंद दारुल उलूम मदरसे का छात्र है। जबकि मुशीर बच्चों को कोचिंग पढ़ाता है और रोहिल प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता है। पुलिस इस गैंग से जुड़े बाकी आरोपितों और फंडिंग स्रोतों की तलाश कर रही है।

गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक 7 जुलाई (शुक्रवार) को नोएडा के सेक्टर 58 की एक प्राइवेट कम्पनी में काम करने वाली एक हिन्दू लड़की के पिता ने थाना खोड़ा में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी ने 5-6 महीनों से इस्लामी तौर तरीकों का पालन करते हुए वजू आदि कर के नमाज़ पढ़ना शुरू कर दिया है। लड़की के घर वालों ने जॉब पर जाने से रोका और उस पर नजर रखनी शुरू की। लड़की न सिर्फ खुद को मुस्लिम बताने लगी थी बल्कि वह परिवार के बाकी सदस्यों को भी इस्लाम कबूलने की सलाह देने लगी थी। इतना ही नहीं वो खुद को मानव बम बनाने की बात भी करती थी।

इसी दौरान लड़की के फोन को चेक करने पर परिवार को राहुल अग्रवाल नाम के व्यक्ति की जानकारी मिली। शिकायत में पीड़ित पिता बताया गया है कि उनकी बेटी का ब्रेनवॉश राहुल अग्रवाल ने किया है। इस शिकायत पर पुलिस ने 7 जुलाई को ही राहुल अग्रवाल पर FIR दर्ज कर के उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान राहुल ने बताया कि उसने साल 2017 में हिन्दू धर्म त्याग कर इस्लाम कबूल कर लिया है। उसे नया नाम मोहम्मद राहिल दिया गया था। 22 वर्षीय राहिल ने पुलिस को यह भी बताया कि वह हिन्दू लड़कियों को पहले अपने प्यार के जाल में फँसाता था और बाद में उन्हें भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर के इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर कर देता था।

मोहम्मद राहिल ने पुलिस को बताया कि उसने शिकायतकर्ता की बेटी को इस्लामी तौर तरीके ऑनलाइन सिखाए थे। वह पीड़िता से ऑनलाइन निकाह भी कर चुका था और इस्लाम कबूल करवाने की स्टेज तक ले भी आया था। पुलिस की पड़ताल में यह बात भी निकल कर सामने आई कि राहिल ने शिकायतकर्ता की बेटी से पहले सौरभ खुराना से अब्दुल्ला अहमद बने व्यक्ति की साली से निकाह कर लिया था। उसने पीड़िता से इस बात को छिपाए रखा। अब्दुल्ला अहमद भी धर्मान्तरण के इस नेटवर्क में शामिल मिला।

जब पुलिस ने सौरभ से अब्दुल्ला अहमद बने आरोपित के बारे में पड़ताल की तो वह पलवल के पी खुराना का बेटा निकला। उसने साल 2014 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से BDS की पढ़ाई की थी। यही पर उसने इस्लाम भी कबूल किया और फिर अपनी तरह युवाओं को भी मुस्लिम बनाने में जुट गया। अपनी करतूत छिपाने के लिए 33 वर्षीय अब्दुल्ला क्लिनिक चलाया करता था। फ़िलहाल अब्दुल्ला दारुल उलूम देवबंद में रह रहा था। साल 2017 में राहुल को मोहम्मद राहिल उसी ने बनाया था।

धर्मान्तरण के रैकेट को चलाने में अब्दुल्ला और राहिल की मदद मस्जिद में ट्यूशन पढ़ाने वाला मोहम्मद मुशीर करता था। दिल्ली के संगम विहार निवासी 30 वर्षीय मुशीर पर आरोप है कि वह खुद से ट्यूशन पढ़ने आने वाले छात्रों को बरगला कर इस्लाम कबूल करवाता था। इन सभी ने राहुल अग्रवाल से मोहम्मद राहिल बने युवक को लवर बॉय बना रखा था। राहिल अपने सम्पर्क में आने वाली लड़कियों को पहले तो प्रेम के जाल में फँसाता था फिर उनका ब्रेनवॉश कर के उन्हें इस्लाम कबूल करवा देता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपित राहिल की चैटिंग न सिर्फ देश के कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में हुई है बल्कि नेपाल तक उस से जुड़े लोग पाए गए हैं। वह कई राज्यों की जमातों से भी कनेक्टेड मिला। उसकी अब तक मिली चैटिंग 650 पेज की है। इनके निशाने पर परिवार से कटे युवक और युवतियाँ होते थे जिन्हें वो पहले उनके धर्म की कमियाँ बता कर झाँसे में लेते थे। राहिल के मोबाइल से मिले चैट से यह भी पता चला है कि वो अपना पूर्व का हिन्दू नाम बता कर गैर मुस्लिमों से नजदीकी बनाता था।

शिकायतकर्ता की बेटी के कुछ आपत्तिजनक वीडियो भी मोहम्मद राहिल के मोबाइल से बरामद हुए हैं। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया है। अब तक इस नेटवर्क द्वारा लड़के और लड़कियों को मिला कर कुल 7 लोगों को धर्मान्तरित कराए जाने की जानकारी मिली है। पुलिस इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों के साथ इन्हे मिलने वाली फंडिंग के स्रोतों की भी पड़ताल कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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