एक छात्रा ने ये भी बताया कि हर शुक्रवार (जुमा) को स्कूल में नमाज पढ़ना अनिवार्य था। हिंदी-अंग्रेजी से ज्यादा उर्दू-अरबी सिखाया जाता था। प्रार्थना में दुआ पढ़ने को कहा जाता था।
पीड़िता की रेस्क्यू वीडियो झकझोर देने वाली है। देख सकते हैं कि जब लोग उस बच्ची के पास पहुँचते हैं तो वो डरी-सहमी होती है। उसे आसपास लोगों को देख डर लगता है।
लड़की ने दावा किया है कि वह आसिफ के खिलाफ पहले भी मुकदमा दर्ज करवा चुकी है और वह जेल भी जा चुका है। लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद फिर परेशान कर रहा है।