Tuesday, September 17, 2024

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Reservation

सामाजिक न्याय को तरसते ‘दलित’ सिर्फ़ SC/ST में ही सीमित नहीं

अगर जातिगत आरक्षण से आपको समस्या नहीं है, तो फिर आर्थिक आरक्षण से तो बिलकुल ही नहीं होनी चाहिए क्योंकि जातिगत आरक्षण की जड़ में यही अवधारणा है कि इन जातियों के लोग ग़रीब और वंचित हैं।

मोदी देश के दूसरे अंबेडकर, गरीबी में पले PM ने गरीबी के दर्द को समझा: उत्तराखंड मुख्यमंत्री

इस फ़ैसले को ठोस स्वरूप देने के लिए सरकार यह बिल राज्यसभा में भी पारित कराना होगा। इसके बाद संविधान में संशोधन करने की ज़रूरत पड़ेगी।

हर तीसरे दिन उठते जातीय बवंडरों का हासिल क्या है?

उन्हें तलाशिए जो हत्या के बाद ही तय कर देते हैं कि गुनहगार कौन है, और फ़ैसला आने या उसके बीच की प्रक्रिया में उलटा परिणाम आने पर शायरी लिखने लगते हैं।

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