जिनकी ट्रेनिंग ही लाठी वाले चरवाहा विद्यालय में हुई हो वे संसद में कूदने वाले लौंडे को झोंटा पकड़कर खींचने, मुक्का मारने, जूतियाने... को तो 'स्वागत' नहीं ही मानेंगे।
बजरंग पुनिया, साक्षी मल्लिक और विनेश फोगाट ने एक साथ पहली बार इंटरव्यू दिया है। बताया है कि क्यों हरिद्वार में मुहुर्त बीत गया। गंगा में मेडल नहीं बहा।
'अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है' है टाइप से 'राहुल गाँधी को ठंड क्यों नहीं लगती' वाला प्रश्न इस समय उफान पर है। या यूँ कहें कि कॉन्ग्रेसियों ने इसे जबरन एक जरूरी प्रश्न बना दिया है।