193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में जीत के लिए दो-तिहाई यानी 128 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। जिसमें भारत को 184 वोट्स मिले हैं। हर साल पाँच अस्थाई सदस्य चुने जाते हैं। अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल होता है।
मुंबई हमले के मास्टर माइंड और जमात उल दावा प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने 5 साल की सज़ा सुनाई है। सजा सुनाने के साथ ही हाफिज सईद पर दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
"पाकिस्तान में आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकानों में प्रशिक्षित किया जाता है। बच्चों और युवाओं को किताबों की जगह बंदूक दी जाती हैं, महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है, और अल्पसंख्यकों को सताया जाता है।"
लिंडनर ने कहा कि अगर यूएन में जल्द ही बदलाव नहीं किया जाता है तो लोग उस पर भरोसा करना छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही विश्व की सबसे बड़ी संस्था में रिफॉर्म नहीं किया जाता है तो लोग ये समझेंगे कि ये वास्तविकता से काफ़ी दूर हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 24 मई, 2018 तक 9,00,000 से अधिक रोहिंग्याओं ने म्यांमार के रखाइन प्रांत से पलायन किया है। 2017 में सैन्य कार्रवाई के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के कारण ये भागे हैं।
माहिरा जैसों से तो दिल की सुनने और दिल में झॉंक कर देखने की उम्मीद नहीं की जा सकती। उम्मीद यूएन से है कि वह अपने गुडविल का ध्यान रखे। ऐसा न हो कि शरणार्थियों का दर्द भी कम न हो और उसकी साख को भी बट्टा लग जाए।
54 देशों ने बीजिंग के मानवाधिकारों को लेकर सराहना की, जबकि 23 देशों ने चीन की कड़ी निंदा की। ग़ौर करने वाली बात यह है कि सराहना करने वाले 54 देशों में एक देश पाकिस्तान भी है।
यहाँ तक कि जब चौधरी को उनका वह ट्वीट दिखा दिया गया, जिसमें उन्होंने "50 से अधिक देशों" के UNHRC में पाकिस्तान के समर्थन का दावा किया था, तो भी उन्हें समझ नहीं आया कि उसमें गलत क्या है। "मैंने जो कहा, उस पर मैं कायम हूँ। इसमें इतनी हैरत की क्या बात है? आप किसका एजेंडा चला रहे हो?"
मुनीर का कई घोटालों और विवादों से नाता रहा है। 2003 में मुशर्रफ ने उन्हें यूएन में स्थायी प्रतिनिधि बनाया था। उस वक्त वे अपनी 35 वर्षीय गर्लफ्रेंड पर हमला कर विवादों में आए थे। बाद में जरदारी ने मुनीर को इस पद से हटा दिया।