हमें ध्यान में रखना होगा कि जिस लोकतंत्र पर हम गर्व करते हैं उसकी सुरक्षा तभी तक संभव है जबतक राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय किसी राजनीतिक दृष्टिकोण का मोहताज नहीं है।
इन कानूनों का धरातल पर उतरने के बाद ही उनका विश्लेषण किया जा सकता है। उससे पहले, केंद्र और राज्यों के संबंधों को कमजोर करना अथवा संसद द्वारा पारित कानूनों को फाड़ना कोई लोकतांत्रिक अधिकार नही बल्कि अराजकता है।
इस सौदे में रिश्वत के रूप में 25 करोड़ रूपए लेने वाले विपिन खन्ना यूपीए सरकार में विदेश मंत्री और कॉन्ग्रेस के कद्दावर नेता कुँवर नटवर सिंह के करीबी सहयोगी हैं।