ब्लैकी रोज़ सुरंग के सामने आकर खड़ा हो जाता है और उसे खाना देने वालों का इंतज़ार करता है। ब्लैकी उन लोगों के बीच ही बड़ा हुआ था और वही लोग उसकी देखभाल करते थे।
बसंत बताते हैं कि वह तपोवन में तीन साल से काम कर रहे हैं। उस दिन भी उन्होंने 8 बजे से काम शुरू किया और साढ़े 10 बजे उन्हें एक भयानक आवाज सुनाई दी। उन्हें भागने का मौका ही नहीं मिला।
CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि भारतीय थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP, SDRF तत्परता से बचाव कार्य में घटनास्थल पर पहुँच चुके हैं और अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं।