गाँधीनगर के निवासियों के लिए यह अप्रत्याशित था क्योंकि हिंसा से पहले अक्सर किराना दुकानदार उनके मोहल्ले में दोस्ताना माहौल में व्यापारिक कार्यों से आया-जाया करते थे।
एसएसपी ने बताया कि दंगाइयों की हिंसा के दौरान घायल हो गई 2 महिला पुलिसकर्मियों ने ही चौकी का उद्घाटन किया है। अब बनभूलपुरा के हिंसा प्रभावित इलाके के बीचो-बीच हमेशा के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है। इसकी कमान एक हेड कॉस्टेबल को सौंपी गई है, जिसका साथ देने के लिए चार कॉस्टेबल और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है।
उत्तराखंड में कोचिंग जा रही दो बहनों पर फरदीन और रऊफ नाम के युवकों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इसमें 17 साल की नाबालिग लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई। फरदीन पहले भी पीड़ित के साथ छेड़छाड़ कर चुके है और जेल की हवा भी खा चुका है। वो जमानत पर छूटकर बाहर आया था।
हल्द्वानी में 26 साल पहले भी हुए थे दंगे, कारण था - अब्दुल मलिक पर सपा के युवा नेता के हत्या का आरोप। आज दोनों परिवार पुलिस पर हमले में एक-दूसरे के साथ।