धर्म आस्था का विषय है, व्यक्तिगत विषय है। लेकिन शायद सबके लिए नहीं! कर्नाटक के बेलगाम में एक मस्जिद में गई भीड़ के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। इस भीड़ के लिए नमाज पढ़ने से ज्यादा मस्जिद में नमाज पढ़ना जरूरी है।
विडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस कार्रवाई के बाद वहाँ मौजूद भीड़ आगे की तरफ भागती है। तभी दूसरी ओर से आई उपद्रवियों की भारी भीड़ पुलिस पर हमला कर देती है। भीड़ में शामिल बुर्का धारी महिलाएँ भी पुलिस पर हमला करते हुए नजर आती हैं।
विडियो शिव विहार के एक स्कूल का है। यह स्कूल एक मुस्लिम का है। विडियो में आप देख सकते हैं कि ये गुलेल आम गुलेल की तरह नहीं है। लोहे की रॉड पर रबड़ लगाकर बड़े आकार में इसे बनाया गया है। इसमें यदि कोई चीज फँसाकर दागी जाए, तो वो दूर जाकर गिरेगी।
"यहाँ की जमीन हमारी है, हवा हमारी है, पानी हमारा है, तो कैसे कहा जा सकता है कि मुसलमान यहाँ का नहीं है। मैं अच्छे से जानती हूँ कि भारत को आजादी कैसे मिली? RSS तो बिका हुआ था। आज आजादी का फायदा मोदी-शाह उठा रहे हैं।"
मोहम्मद इरफान नामक एक युवक ने भी
इस वीडियो को शेयर किया है। जिसने अपने ट्वीट में लिखा है कि उसने शाहीन अब्दुल्ला एवं जामिया और जेएनयू के छात्रों के साथ मिलकर दिल्ली मेट्रो के अंदर नारे लगाए।