Monday, June 23, 2025
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मुर्दों के बीच कोरोना संक्रमितों का इलाज: मुंबई के अस्पताल का Video वायरल, BMC पर उठे सवाल

मरीजों के बीच काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव भी वॉर्ड के बेडों पर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कंबल से ढका गया है।

मुंबई के सायन अस्पताल से लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ है। इससे पता चलता है कि कोरोना संक्रमितों का इलाज मुर्दों के बीच किया जा रहा है।

महाराष्ट्र देश का कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है। ऐसे में यह घटना बेहद चौंकाने वाली है। वीडियो में दिख रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच शव रखे गए हैं। मरीजों के बीच काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव भी वॉर्ड के बेडों पर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कंबल से ढका गया है।

मरीज और उनके परिजनों ने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत भी की, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद से बीएमसी निशाने पर है।

सायन अस्पताल में रिकॉर्ड किए गए इस वायरल वीडियो में, शव काले रंग के प्लास्टिक बैग में लिपटे हुए दिखाई दे रहे हैं, जो इलाज के लिए कोविद -19 रोगियों के ठीक बगल में रखे हुए हैं। यह घटना अस्पताल के प्रबंधन और राज्य के अधिकारियों के बारे में गंभीर सवाल उठा रही है।

अस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने वायरल वीडियो की पुष्टि की है। डॉक्टर इंगले ने संवाददाताओं को बताया की कानूनी कार्यवाही और विशेष निर्देश के चलते वे अपने दम पर अंतिम संस्कार नहीं करा सकते थे। उधर, रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए इन्हें वार्ड में रखा गया। मॉर्चुरी में जो 15 सेल्फ हैं, उनमें से 11 भरे हुए हैं।

बीएमसी को शवों की हैंडलिंग पर स्पष्ट मार्गदर्शन जारी नहीं करने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

घटना के संबंध में भाजपा नेता नितेश राणे ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “सायन अस्पताल के डीन इस वीडियो को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए हमने उन्हें वहाँ रखा है। मुम्बइकर्स को बीएमसी से इसके बाद क्या उम्मीद करनी चाहिए? निजी अस्पताल मरीजों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और सरकारी अस्पताल गड़बड़ी में हैं! यह एक मेडिकल इमरजेंसी है!”

इस संबंध में कॉन्ग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा है, “BMC कोरोनोवायरस संक्रमित लाशों का अंतिम संस्कार WHO द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार क्यों नही कर रहीं है? सार्वजनिक अस्पताल के कर्मचारी सीमित संसाधनों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। मुंबई के प्रशासन को अब कदम बढ़ाने की जरूरत है!”

इससे पहले, कूपर अस्पताल से इसी तरह की घटना सामने आई थी, जहाँ एक मरीज को कथित तौर पर लावारिस छोड़ दिया गया था और उसे अपने आसपास दो लाशों के साथ रात गुजारनी पड़ी थी।

इसी तरह कोलकाता से भी संक्रमित लाशों को सँभालने में लापरवाही के बारे में शिकायतें सामने आई थी। एक वायरल वीडियो में, कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल में लाशें लावारिस हालत में पड़ी देखी गईं थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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