ताशकंद फाइल लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत के बारे में बात करती हैं। विवेक ने कहा कि उनसे नफरत करने में इन "उदारवादियों" ने लाल बहादुर शास्त्री से सिर्फ इसलिए नफरत करना शुरू कर दिया है क्योंकि वह राष्ट्रवाद के प्रतीक थे।
लीगल नोटिस पर विवेक अग्निहोत्री ने कहा, “मुझे ऐसा लग रहा है कि कॉन्ग्रेस के शीर्ष परिवार से किसी ने उन्हें हमें कानूनी नोटिस भेजने के लिए उकसाया है। यह कोई प्रोपगेंडा फिल्म नहीं है। मुझे नहीं पता कि लोगों को फिल्म से क्या दिक्कत है।"
ऑपइंडिया लेकर आया है विवेक अग्निहोत्री को भेजी गई लीगल नोटिस की एक्सक्लूसिव कॉपी। साथ ही पढ़ें 'द ताशकंद फाइल्स' के निर्देशक का एक्सक्लूसिव स्टेटमेंट। कॉन्ग्रेस क्यों रोकना चाहती है फ़िल्म की रिलीज? किसने 7 अप्रैल को फ़िल्म को सराहा और उसके बाद नोटिस भेज दिया?
वैसे तो फ़िल्म 12 अप्रैल को रिलीज होने वाली है लेकिन ऑपइंडिया आपके लिए लेकर आया है 'द ताशकंद फाइल्स' का रिव्यु। एक्टिंग, निर्देशन और स्क्रिप्ट से लेकर फिल्म के थीम की गहन एवं विस्तृत समीक्षा। और हाँ, मिथुन चक्रवर्ती का वो डायलॉग...
अब देखना ये है कि लोकसभा चुनाव तक ये पूरा गिरोह और कौन-कौन से रंग दिखाता है? कितना नीचे गिरता है? कौन-कौन सी संस्थाओं पर आरोप मढ़ता है? खुद जज बनकर फैसले सुना, उनका असर न होता देख क्या-क्या हरकत करता है? खैर, जनता तो इनके पूरे मजे लेने को तैयार है।
'नसीरुद्दीन शाह के व्यक्तिगत विवाद से मुझे कोई लेना-देना नहीं है। भारत विश्व का सबसे ज्यादा सहिष्णु देश है। मैं तो इतना सहिष्णु हूँ कि मैंने न्यूज़लॉन्ड्री वालों सभी बात की। वो कुत्ते की दुम की तरह कभी सीधे नहीं हो सकते।'