अमेठी को डिजिटल बनाने और 'मेड इन अमेठी' का सपना साकार करने से लेकर यहाँ के लोगों को सुगम स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने तक, स्मृति ईरानी ने हार कर भी अमेठी के लिए वो किया, जो पिछले 70 वर्षों में जीते हुए जनप्रतिनिधि भी न कर सके।
जिस समय राहुल गाँधी अपना नामांकन भरने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे उस दौरान उनके सिर पर 7 बार किसी ने हरी लेजर से निशाना साधा। कॉन्ग्रेस ने संभावना जताई कि यह लेजर लाइट किसी स्नाइपर की बंदूक से हो सकती है।
अमेठी के मुसाफिरखाना कस्बे में लगे पोस्टर में लिखा गया है, "देख चुनाव पहन ली सारी, नहीं चलेगी होशियारी।" इन पोस्टर पर सपा छात्रसभा का नेता जयसिंह प्रताप यादव का नाम लिखा हुआ है।
पीढ़ियों से कॉन्ग्रेस के वफादार रहे हाजी मोहम्मद हारून राशीद ने पार्टी नेतृत्व को ये घोषणा करते हुए चौंका दिया कि वह अमेठी से राहुल गाँधी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। राशीद के पिता हाजी सुल्तान खान जिले में कॉन्ग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं।
अमेठी के रेलवे स्टेशन परिसर में राहुल गाँधी के विरोधस्वरूप एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में वह आतंकी मसूद अज़हर के साथ दिख रहे हैं। पोस्टर में राहुल गाँधी को जैश सरगना का पाँव छूते हुए दिखाया गया है।
राहुल को आयुध फैक्ट्री और राइफल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के बीच का अंतर नहीं पता। राहुल को यह भी नहीं पता कि शिलान्यास और उद्घाटन में क्या फ़र्क़ होता है। कैग ने यूपीए कार्यकाल के दौरान ही सरकार के ढुलमुल रवैये पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया था।
सभी के सभी 13 सभासद 'अल्पसंख्यक' समाज से आते हैं। कॉन्ग्रेस के लिए यह घाव तब भगंदर बन गया, जब ख़बर में यह भी है कि ना सिर्फ 13 सभासदों ने बल्कि अल्पसंख्यक समाज की कई महिलाएँ और पुरुषों ने भी 'कमल' को ही अपना लिया।
गौरीगंज इलाके में किसानों ने माँग करते हुए कहा कि या तो राजीव गाँधी फाउंडेशन द्वारा किसानों की ज़मीनें उन्हें वापस कर दी जाए या फ़िर उन्हें रोज़गार प्रदान किए जाएँ।