"सब इंस्पेक्टर उमराव खान से किन्हीं वजहों से मेरा संपर्क 2016 में हुआ था। उसने अपने तीन साथियों इब्राहिम, हाजी मैनुद्दीन और शाहिद के साथ मिलकर नशीला पदार्थ खिलाकर मेरे साथ गैंगरेप किया। अब इसका वीडियो वायरल करके..."
बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को खदेड़ना शुरू कर दिया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद ही स्थिति को कंट्रोल में किया जा सका।
पूछताछ के दौरान आरोपितों ने दुकान के मालिक इमरान के लावारिस पशुओं की हत्या में शामिल होने का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने के मामले में इमरान का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस नेक काम के लिए उन्होंने बैंक में एक खाता भी खुलवा लिया है। जिसमें वे हमेशा पैसे डालेंगे ताकि गौरी (बच्ची) की शिक्षा और परवरिश में कोई दिक्कत ना आए। उनके अनुसार उन्होंने गौरी को गोद लेने के लिए देश-विदेश से कई लोगों ने संपर्क किया है।
गोथुआ में 27 जनवरी को बच्चों के बीच हुए झगड़े ने तूल पकड़ा था और दो पक्षों में इसे लेकर मारपीट भी हुई। इसके बाद एक पक्ष ने गाँव के ही कई लोगों पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने और अन्य अनर्गल आरोप लगाकर उनके खिलाफ थाने में तहरीर दे दी।
कालिंदी ने मीडिया में चल रही उन बातों से भी इनकार किया, जिनमें कहा जा रहा है कि उनके घर में घरेलू विवाद चल रहा था। उन्होंने उन मीडिया ख़बरों को भी नकार दिया, जिनमें रंजीत की तीन शादियाँ होने की बातें कही जा रही थी।
7 फरवरी को पीड़िता का कोर्ट में बयान दर्ज होना है। आरोपितों के परिजन राजीनामे के लिए दबाव बना रहे थे। इनकार करने पर 8-10 लोग अवैध हथियार लेकर पीड़िता के घर में घुस आए और हमला बोल दिया।
पीड़िता शाह आलम की कंपनी में ही काम करती है। आरोप है कि कंपनी में ऊँचे ओहदे और मोटी तनख्वाह का लालच देकर विधायक उस पर संबंध बनाने का दबाव डाल रहे थे। उसे आपत्तिजनक मैसेज भेजते थे।
विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत सिंह की हत्या में यूपी पुलिस को एक अहम सुराग हाथ लगा है। पुलिस को CCTV कैमरे से दो संदिग्धों की तस्वीरें मिली हैं। इन तस्वीरों को एक पुख्ता सुराग के रूप में पुलिस देख रही है। यूपी पुलिस ने हत्यारों की पहचान कर सूचना देने वालों के लिए 50000 रुपए का इनाम...