जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद इन नेताओं की गिरफ्तारियाँ हुईं हैं। सुरक्षा के लिहाज से यहाँ इंटरनेट कनेक्शन और मोबाइल सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। साथ ही धारा 144 भी लागू है।
मुराद ने कहा है कि मुफ़्ती और अब्दुल्ला ने देश की सरकार के ख़िलाफ़ जनता को भड़काते हुए 370 हटाने का विरोध किया। उनके मुताबिक, "इन नेताओं ने देश के अन्य राज्यों के लोगों के बीच दुश्मनी बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने देश की एकता और अखंडता चोट पहुँचाई है।"
पहले ही घर में नज़रबंद चल रहीं महबूबा मुफ़्ती को उनके घर से VIP गेस्ट हाउस हरि निवास ले जाया गया है। महबूबा मुफ़्ती ने 370/35A के न केवल पक्ष में बयान दिए थे, बल्कि उन्होंने देश-विरोधी और लोगों को भड़काने वालीं कई बातें ट्वीट भी की थी।
कश्मीर से 370 जाने पर कभी "मार दूँगा-चीर दूँगा", तो कभी "ऐ जानेवफ़ा, ये ज़ुल्म न कर" का ऑड-ईवेन खेलने वाले इन नेताओं ने PM मोदी के साथ-साथ पूरे देश को जिस-जिस भाषा में धमकी दी थी, उसका पूरा कच्चा चिट्ठा यहाँ है। आज ये नेता कहाँ होंगे, क्या कर रहे होंगे, सोचिए...
दूसरे ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा था, “मेरे शब्दों को याद रखना। या तो आर्टिकल 370 रहेगा या फिर जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा।”
राज्य प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से श्रीनगर में अनिश्चितकाल तक धारा 144 लगा दी है। इस आदेश के तहत इलाके में लोगों की किसी तरह की आवाजाही नहीं हो सकेगी और सभी शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहेंगे।
सेना के मुताबिक श्रद्धालुओं को निशाना बनाने के लिए आईईडी ब्लास्ट करने की साजिश रची गई थी। आतंकवादियों के पास से पाकिस्तान सेना की लैंडमाइंस बरामद की गई है। अमरनाथ यात्रा रूट से अमेरिकन स्नाइपर राइफल एम-24 भी बरामद की गई है।
इस मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हमने पीएम मोदी से कहा कि रियासत में कोई ऐसे कदम न उठाए जाएँ, जिससे वहाँ की स्थिति खराब हो। हमने 35-A और 370 का भी मामला उठाया। साथ ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की माँग की।"
इस बिल के पास होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने अपने ही राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि महबूबा मुफ़्ती की पार्टी की गैरमौजूदगी ने राज्यसभा में बिल पास कराने में सरकार की मदद की।
2016 में एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को सशस्त्र बलों ने मार गिराया था। 23 मई, 2019 को ज़ाकिर मूसा मारा गया था। मूसा अल-क़ायदा का कश्मीर प्रमुख था।