करीब 14 हजार रुपए की मासिक आमदनी से आप पूरी जिंदगी में कितना बचा पाएँगे? रेणु थरानी ने तो इसी कमाई से करीब 2 अरब रुपए स्विस बैंक अकाउंट में जमा भी कर लिए।
'लुक आउट नोटिस' को नज़रअंदाज़ कर लंदन भागने की कोशिश करने वाली रौशनी ने ईडी और सीबीआई का शक और गहरा कर दिया कि दाल में ज़रूर कुछ काला है। रौशनी को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया। 'यस बैंक' से लोन दिलाने के एवज में भारी रक़म वसूली जाती थी।
स्विट्जरलैंड सरकार ने 2015 में निष्क्रिय खातों के ब्योरे को सार्वजनिक करना शुरू किया था। इसके तहत इन खातों के दावेदारों को जमा धन हासिल करने के लिए आवश्यक प्रमाण उपलब्ध कराने थे।
इसी साल जून में वित्त मामलों की स्थायी समिति की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि 1980 से लेकर साल 2010 के बीच भारतीयों ने 246.48 अरब डॉलर से लेकर 490 अरब डॉलर के बीच काला धन देश के बाहर भेजा था।
28 मार्च 2019 को जारी इस नोटिस से पता चलता है कि 14 संदिग्ध कंपनियों और खातों में से एक का लाभार्थी आयकर विभाग अंबानी परिवार के सदस्यों को मानता है। हालाँकि कंपनी के प्रवक्ता ने आरोपों को खारिज करते हुए नोटिस मिलने से इनकार किया है।
वित्त मामलों की स्थायी समिति की रिपोर्ट में 1980 से लेकर साल 2010 के बीच भारतीयों द्वारा 246.48 अरब डॉलर से लेकर 490 अरब डॉलर के बीच काला धन देश के बाहर भेजने का अनुमान लगाया गया है। स्विस बैंकों से मिलने वाली जानकारियों से ऐसे लोगों पर कार्रवाई में मदद मिलेगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालेधन के खिलाफ लड़ाई में इसे काफी महत्वपूर्ण कदम बताया है। दोनों देशों के बीच का यह आदान-प्रदान AEOI के तहत होगा। इससे बड़ी-बड़ी 'मछलियों' की काली कमाई का खुलासा होने की उम्मीद है।
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक देश के बाहर भेजा गया धन पैदा होने वाले काले धन का महज़ 10% है। समिति ने यह भी कहा कि उपरोक्त अनुमान भी महज़ अनुमान हैं, क्योंकि ऐसी किसी गणना को करने के किसी भी तरीके पर आम सहमति नहीं है।
सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल ने अपने पिता को लेकर कहा कि उनका पूरा जीवन इस देश के दुश्मनों से लड़ते बीता है, ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने बेटे को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे दें। कारवाँ ने अपने लेख में डोभाल परिवार को 'डी कम्पनी' कहा था।