कालेधन के ख़िलाफ़ लड़ाई में मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है। स्विस बैंक में भारतीय खातों का विवरण प्राप्त करने के लिए भारत काफ़ी दिनों से प्रयास कर रहा था। अब पहले दौर का विवरण स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंप दिया है। इसमें बैंक में भारतीयों के सक्रिय खातों से सम्बंधित जानकारियाँ शामिल हैं। स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन ने 75 देशों को वैश्विक मानदंडों के तहत ऐसे वित्तीय खातों का विवरण दिया है। भारत भी इन देशों में शामिल है।
स्विट्जरलैंड ने इन सभी देशों को 31 लाख खातों का विवरण मुहैया कराया है और बदले में उसे भी इन देशों से 24 लाख जानकारियाँ मिली हैं। विवरण में खाताधारक की पहचान, खाते में जमा रकम और अन्य जानकारियाँ शामिल हैं। इसमें खाताधारक का नाम, पता, राष्ट्रीयता, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर और वित्तीय संस्थानों से जुड़ी अन्य सूचनाएँ शामिल हैं। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार भारत को इस तरह की जानकारियाँ मुहैया कराई गई हैं।
In a major step towards fighting #blackmoney, #India got the first tranche of #SwissBank details of its residents under the Automatic Exchange of Information agreement.
— IANS Tweets (@ians_india) October 7, 2019
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इन सूचनाओं में न सिर्फ़ सक्रिय खातों की जानकारियाँ बल्कि 2018 में बंद किए जा चुके बैंक एकाउंट्स से सम्बंधित सूचनाएँ भी शामिल हैं। इसी कड़ी में स्विट्जरलैंड अब सितम्बर 2020 में स्विस बैंक में भारतीयों के बैंक एकाउंट्स से सम्बंधित अन्य जानकारियाँ भारत के साथ साझा करेगा। स्विट्जरलैंड ने भारत को क्या जानकारी दी है, इस सम्बन्ध में अधिकारियों ने कुछ कहने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि यह गोपनीयता का मामला है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई अन्य देशों में रह रहे भारतीय व्यवसायियों से सम्बंधित जानकारियाँ इसमें शामिल हैं। स्विस बैंक दशकों से अपनी गोपनीयता के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसके ख़िलाफ़ वैश्विक अभियान चला, जिससे उसे ये जानकारियाँ अन्य देशों के साथ साझा करनी पड़ी। इस अभियान के कारण कई लोगों ने जल्दबाजी में बैंक से रुपया निकालना शुरू कर दिया। यही कारण है कि 2018 में बंद किए जा चुके बैंक एकाउंट्स से सम्बंधित जानकारियाँ भी दी जा रही हैं।
#Breaking: कालेधन पर मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, स्विस बैंक ने साझा की भारतीय खाताधारकों की लिस्ट, बेनकाब होंगे काले धन के कुबेर. सितंबर 2020 तक और खातों की भी जानकारी मिलेगी.
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स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा जमा रकम 2018 में लगभग 6% घटकर 6,757 करोड़ रुपए हो गई थी। पिछले 2 दशक में जमा रकम का यह दूसरा सबसे निचला स्तर है। साल 2018 में कई विदेशी ग्राहकों द्वारा स्विस बैंक में जमा रकम 4% से ज्यादा घटकर 99 लाख करोड़ रुपए रही थी।
गौरतलब है कि लोकसभा में इसी साल जून में वित्त मामलों की स्थायी समिति की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि 1980 से लेकर साल 2010 के बीच भारतीयों ने 246.48 अरब डॉलर से लेकर 490 अरब डॉलर के बीच काला धन देश के बाहर भेजा था। एनआईपीएफपी, एनसीएईआर और एनआईएफएम के अध्ययन के आधार पर समिति ने यह आकलन किया था।