दीपक तलवार को भारतीय कम्पनी को नुकसान पहुँचाने के लिए ₹272 करोड़ रुपए मिले थे। उसके ख़िलाफ़ ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग जाँच कर रहा है। जाँच एजेंसी ने कहा कि उसके पास प्रफुल्ल पटेल और दीपक तलवार के बीच ईमेल से हुई बातचीत के सबूत हैं।
करीब दस साल पहले फलों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद इकबाल अब अरबों की संपत्ति के मालिक हैं। इनकी सहारनपुर में सैंकड़ों एकड़ में फैली ग्लोकल यूनिवर्सिटी भी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इस वजह से उनके सबूतों के साथ गड़बड़ी करने और जाँच में रुकावट डालने की आशंका है।
चंदामामा मैग्जीन को ख़रीदने वाली यह कंपनी विभिन्न नियमों की अनदेखी के आरोप में पहले भी सेबी (Securities and Exchange Board of India) की कार्रवाई का सामना कर चुकी है।
IT विभाग ने लोगों को आगाह किया है कि बेनामी संपत्ति के पकड़े जाने पर दोषियों को 7 वर्ष की सज़ा के साथ-साथ संपत्ति के बाज़ार मूल्य का 25% ज़ुर्माना भी देना पड़ेगा।
प्रवर्तन निदेशालय का यह दावा है कि रॉबर्ट वाड्रा की अघोषित संपत्ति की जानकारी करने के लिए मनोज अरोड़ा एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है। साथ ही रॉबर्ट के काले धन को वैध बनाने में मनीष सहायता भी करता है।