भारत के नौवें प्रधानमंत्री राव ने जून 1991 में पदभार ग्रहण किया और मई 1996 तक सत्ता में रहे। उन्हें देश में विशेष रूप से लाइसेंस राज को ख़त्म करने और कई आर्थिक सुधार करने का श्रेय दिया जाता है। छ: बार सांसद रहे राव ने 2004 में 83 वर्ष की आयु में अंतिम साँस ली।
पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस समान नागरिक संहिता और शाहबानो मामले से चूक गई, आज फिर एक अवसर आया है, हम महिला सशक्तीकरण के लिए एक विधेयक लाए हैं, कृपया इसे धर्म से न जोड़ें।
कुछ दिनों पहले ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस के टी थॉमस आरएसएस को आपातकाल से मुक्त कराने वाला बता चुके हैं। संघ के तृतीय वर्ष शिविर में उन्होंने कहा- "अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा।”
अगर कॉन्ग्रेस की माँग पर डीएमके अध्यक्ष हामी भर देते हैं तो उनकी पार्टी के खाते में महज एक ही सीट आएगी। हालाँकि कॉन्ग्रेस की इस माँग पर डीएमके गंभीरता से विचार कर रही है। लेकिन ये बात भी सच है कि डीएमके के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं है कि वो इस माँग को स्वीकारे।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गाँधी से अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया था लेकिन राहुल ने पद से हटने का निश्चय कर लिया है। उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गाँधी के नाम पर भी विचार करने से मना कर दिया है।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रहे चौधरी केंद्र की मनमोहन सरकार में रेल राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। 63 वर्षीय चौधरी 1999 में पहली बार बहरामपुर से सांसद चुने गए थे और उस समय से अभी तक वे लगातार इसी सीट से जीतते रहे हैं।
"जो घबरा रहा है, जो समझौता करना चाहता है, जिसका दिल इस संघर्ष में नहीं है, उसके लिए रायबरेली कॉन्ग्रेस और यूपी की कॉन्ग्रेस में कोई जगह नहीं है। कॉन्ग्रेस में काम करना है, तो दिल से करना है और इसके लिए संघर्ष करना पड़ेगा।"
कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद सदन में नेता चुनने को लेकर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में, शायद पार्टी को अब फिर से सोनिया पर ही भरोसा है और इसीलिए कार्यकर्ता उनमें जबरदस्ती 'झाँसी की रानी' को देखने की कोशिश कर रहे हैं।
हैरान करने वाली बात ये है कि जो कॉन्ग्रेस सरकार कुछ दिन पहले तक सीएम योगी पर टिप्पणी करने पर गिरफ्तार हुए पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी, वो आज खुद पर उँगली उठने पर इतना क्यों बौखला गए हैं?
कॉन्ग्रेस की समस्या को और बढ़ाते हुए, पाटिल के साथ पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तो यहाँ तक दावा किया कि जल्द ही 8-10 और विधायक भी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।