पाकिस्तान ने भारत के इस फ़ैसले पर कहा है कि कश्मीर का मुद्दा एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। इसलिए भारत सरकार इस मसले पर एकतरफ़ा फ़ैसला नहीं कर सकता। ऐसा करने से कश्मीर का मुद्दा हल नहीं होगा, इसलिए यह फ़ैसला न तो पाकिस्तान को स्वीकार्य है और न ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्वीकार्य है।
"आज का दिन भारतीय इतिहास का काला दिन है। बीजेपी की सरकार ने सत्ता के नशे में और वोट हासिल करने के लिए एक झटके में अनुच्छेद 370 के साथ 35A को खत्म कर दिया। इसके साथ खिलवाड़ कर यह बहुत बड़ी गद्दारी कर रहे हैं।"
मोदी सरकार के इस फैसले ने जहाँ विपक्ष को बेचैन किया वहीं पाकिस्तान में भी उथल-पुथल मच गई। राजनेताओं से लेकर पाकिस्तान के कलाकार और आम जनता भी इस विषय पर अपना मत रख रहे हैं। इस खबर को पाकिस्तानी मीडिया अपनी हेडलाइनों में लगातार ब्रेकिंग बनाकर चला रहा है।
सरकार की घोषणा के बाद केंद्र शासित प्रदेशों की लिस्ट में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नाम जुड़ गया है। वहीं, 29 राज्यों में से एक राज्य (जम्मू-कश्मीर) घट गया जिससे अब कुल राज्यों की संख्या 28 हो गई है और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गई है।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसमें सांप्रदायिक दंगों के खिलाफ सतर्क रहने की सलाह दी गई है। साथ ही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस से मॉक ड्रिल चलाने का निर्देश भी जारी किया गया है।
नेहरू और इंदिरा ने 370 की आड़ में शेख अब्दुल्ला से विभिन्न करार किए, जिनकी न कोई वैधानिकता थी न ज़रूरत। उन्हीं करारों के चलते जम्मू-कश्मीर राज्य को अलग झंडा और न जाने क्या-क्या दे दिया गया, जिसके कारण बाद के वर्षों में अलगाववाद को हवा मिली।
शाह फैसल की पार्टी से जुड़ीं शेहला रशीद ने कहा कि सरकार को गवर्नर मान लेने और संविधान सभा की जगह विधानसभा को रखने का फैसला संविधान के साथ धोखा है। वो इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी।
आज होने वाले वाले बड़े फैसले के मद्देनज़र केंद्र ने विभिन्न एयरलाइन्स के टिकट बढ़ते दाम पर रोक लगाते हुए उसकी क़ीमत 7,000 रुपए कर दी थी जिससे अमरनाथ यात्री और पर्यटक घाटी से निकलने में काफ़ी मदद मिली।
अजित डोभाल आज ही जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएँगे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। वहाँ की स्थितियों को देखते हुए वो रुक भी सकते हैं और स्थितियाँ सामान्य होने तक सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
अब्दुल्ला को घर में नजरबंद किए जाने के बाद शशि थरूर ने ट्वीट किया, "आप अकेले नहीं हैं उमर अब्दुल्ला। लोकतंत्र को मानने वाला हर भारतीय कश्मीर की मुख्यधारा से जुड़े नेताओं के साथ खड़ा होगा। संसद का सत्र अभी भी चल रहा है और हमारी आवाज खामोश नहीं रहेगी।"