IAF की एयरस्ट्राइक के 6 महीने बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। जानकारी के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के 40 से 50 आतंकवादी इस समय वहाँ ट्रेंनिंग ले रहे हैं, जिनमें फिदायीन हमलावर भी शामिल हैं।
ख़ुफ़िया इनपुट्स के मुताबिक जैश कमांडर अबू उस्मान के नेटवर्क से जुड़ा मॉड्यूल दिल्ली के घनी आबादी वाले इलाके में घुस अपने मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में है। इनका मकसद त्योहारों में भीड़भाड़ वाले इलाके में तबाही मचाना है। निशाने पर चार प्रमुख बाजार हैं।
आतंकियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अब तक सीलमपुर और उत्तर पूर्वी दिल्ली के 2 स्थानों एवं जामिया नगर और सेंट्रल दिल्ली के पहाड़गंज स्थित 2 जगहों पर छापेमारी की है। इसके अलावा 2 लोगों को पूछताछ के लिए भी हिरासत में लिया गया है।
आईबी ने राजस्थान के पास सीमा पर अतिरिक्त पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती के बारे में सचेत किया है। बताया जा रहा है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने की भनक नहीं लगने से आईएसआई पर बहुत ज्यादा दबाव है। यह एजेंसी के इतिहास की सबसे बड़ी विफलता मानी जा रही है।
हर्षपाल और उनकी टीम ने जम्मू में झज्जर-कोटली में पिछले सितंबर में तीन आतंकवादियों का ख़ात्मा किया था। मुठभेड़ में गोली और छर्रे लगने से वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, पर वो आतंकियों के सामने मज़बूती से डटे रहे और उन्हें मार गिराने तक पीछे नहीं हटे।
वारपोरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने शनिवार सुबह घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया। छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बसीर अहमद को गिरफ्तार किया है। इस आतंकी पर ₹2 लाख का इनाम था। मुखबिर की सूचना पर स्पेशल सेल ने श्रीनगर से...
ये वही जाकिर मूसा है जिसे सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था, उसके बाद से ही अंसार गजवातुल हिंद बदला लेने पर उतारू है। सुरक्षा बलों ने इन खुफिया इनपुट्स के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर चौकसी कड़ी कर दी है।
मारे गए तीन आतंकियों में जैश का कमांडर खालिद भी शामिल है, जो 2017 में लेथपोरा के सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का मास्टर माइंड था। पूरे इलाके में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएँ बंद कर दी गई हैं।
पिछले महीने NIA ने 2017 के हमले के कथित साज़िशकर्ता के रूप में पुलवामा से फ़ैयाज़ अहमद मगरे को गिरफ़्तार किया था और उस पर हमले से पहले लेथपोरा में CRPF ग्रुप सेंटर की टोह लेने और आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया था।