दिल्ली पुलिस ने राजधानी में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के मामले में 15 लोगों को मुख्य आरोपित बनाया है। इसमें आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ताहिर हुसैन, पूर्व कॉन्ग्रेस नेता इशरत जहाँ, खालिद सैफी, जेसीसी की सदस्य सफूरा ज़रगर और मीरान हैदर शामिल हैं।
"वह प्रदर्शन जो महात्मा गाँधी, डॉ बीआर अम्बेडकर की तस्वीरों और तिरंगा फहराने से शुरू हुआ था उसका अंत तिरंगे से पेट्रोल बम बनाने में, दुकानों को, घरों को जलाने में हुआ।"
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की हिंसा के दौरान गोली-बम से ज्यादा घातक गुलेल साबित हुई। यह कोई आम गुलेल नहीं थीं। ये गुलेल सैकड़ों की संख्या में मिली थी।
डीसीपी अमित शर्मा और एसीपी अनुज शर्मा अन्य दो कॉन्सटेबल के साथ बातचीत करने गए और रोड को ब्लॉक होने से रोकने का प्रयास किया। इस बीच भीड़ आक्रामक हो गई और उनकी संख्या 20 हजार से 30 हजार पहुँच गई।
चार्जशीट में यह बात भी सामने आई कि खालिद ने उन्हीं जगहों को धरना प्रदर्शन के लिए चुना था, जहाँ मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा थी और आसपास मस्जिद भी हो ताकि.....