"विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं। राष्ट्रपति संविधान की सर्वोच्च संस्था हैं। वे व्यक्ति नहीं बल्कि देश हैं। देश किसी की जेब में नहीं है।"
एनसीपी ने कहा है कि यदि शिवसेना को हमारा समर्थन चाहिए तो उसे बीजेपी के साथ सारे रिश्ते तोड़ने होंगे। उसे एनडीए से बाहर आना होगा। मोदी कैबिनेट में शामिल उसके नेताओं को इस्तीफा देना होगा।
"शिवसेना जनादेश का अपमान कर रही है, क्योंकि महायुति को बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो सका। अगर शिवसेना कॉन्ग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाना चाहती है तो हमारी शुभकामनाएँ उनके साथ है।"
आ रही मीडिया खबरों के मुताबिक राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के चलते सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा है।
इससे पहले शरद पवार के बयान से शिवसेना को झटका लगा था। पवार ने साफ़ कर दिया था कि भाजपा और शिवसेना को ही जनादेश मिला है और उन्हें ही सरकार बनाना है। साथ ही एनसीपी सुप्रीमो ने विपक्ष में बैठने की घोषणा कर दी।
इस बैठक में शिवसेना के 6 मंत्री शामिल हुए। साउथ मुंबई में स्थित सह्याद्रि गेस्ट हाउस में ये बैठक हुई, जिसमें एकनाथ शिंदे और रामदास कदम भी शामिल हुए। दोनों शिवसेना नेता महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं।
भाजपा और शिवसेना बैकडोर से बातचीत के लिए राजी हो सकते हैं। हालाँकि, भाजपा सीएम, स्पीकर और गृह मंत्री का पद अपने पास ही रखेगी और इन्हें लेकर कोई समझौता नहीं होगा। भाजपा मंत्रियों की संख्या को लेकर अपने रुख में नरमी ला सकती है।
BJP के दो महासचिव शिवसेना से आखिरी दौर की बातचीत कर चुके। कोई परिणाम नहीं निकला। भाजपा सीएम पद को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार नहीं है। इसी बीच पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने राज्य में दोबारा चुनाव...
मुंबई में विधान भवन के कैंपस में शपथ ग्रहण की तैयारियाँ चल रही हैं। शपथ ग्रहण के लिए स्टेज बनाया जा रहा है। शामियाना लगाया जा रहा है, कुर्सियाँ लगाई जा रही है। बाक़ी तैयारियाँ भी ज़ोरों पर है।
"हमें पता है कि गठबंधन में बने रहना ही बेहतर है और यही राज्य के भी हित में है। जो हम चाहते हैं, वह यह कि हमें सम्मान दिया जाए। हमें इसे ठंडे दिमाग से करना होगा।"