तीन सितंबर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो हिंदू लड़की को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया था। इससे पहले एक सिख युवती को उसके घर से गुंडों ने उठा लिया था। धर्म परिवर्तन करवा कर उसकी शादी आतंकी हाफ़िज़ सईद के संगठन से जुड़े युवक से करवा दी थी।
पिता राजेश कुमार ने बताया है कि वह सनातन धर्म को मानने वाले व्यक्ति हैं और उनकी बेटी को सलमान सुहेल ने धर्मपरिवर्तन करके मुस्लिम युवक से शादी करने के लिए अगवा कर लिया है। अब बच्ची भी किसी डर से उसी के पक्ष में बात कर रही है।
पीड़िता से जबरन इस्लाम क़बूल करवाकर उसका निक़ाह हाफ़िज़ सईद के आतंकी संगठन के जमात-उद-दावा के मोहम्मद हसन से करवा दिया था। इस घटना से आहत सिख समुदाय ने पाकिस्तान में सिख परिवारों की सुरक्षा की माँग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया है।
पाकिस्तान की प्रशासनिक व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए कल्याण सिंह ने कहा कि जाँचकर्ता से लेकर वकील और जज तक, अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम हैं। इसलिए सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों का क़ानूनी तौर पर कोई समाधान मौजूद ही नहीं है।
यह विधेयक बहकाने, जबरन, अनुचित तरीके से प्रभावित करने, दबाव, लालच, शादी या किसी भी धोखाधड़ी के तरीके से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाता है। यदि कोई भी शादी बस धर्मांतरण के लिए होती है तो वह इस विधेयक की धारा 5 के तहत इसे अमान्य माना जाएगा।
महिला के मुताबिक मुस्लिम युवक ने उसे प्रेम जाल में फँसाकर पहले धर्म परिवर्तन कराया और फिर उसके साथ लिव-इन में रहने लगा। लेकिन जब महिला को बेटा हुआ तो वह उसकी जिम्मेदारी लेने की बजाए भाग खड़ा हुआ.......
पीड़िता के पिता का कहना है कि अगर पुलिस ने उनका साथ दिया होता, तो आज उनकी बेटी उनके पास होती। उन्होंने अपनी बेटी का मेडिकल कराने और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ही पूरी सुरक्षा के बीच उससे पूछताछ की माँग रखी है।
आरजू अपने पति अमित के साथ एसपी से मिलने पहुँची थी। उसने बताया कि उन दोनों ने पिछले दिनों भागकर शादी की थी। कुछ दिन बाद जब इसकी भनक ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने लड़के और उसके परिवार को मारपीट करके गाँव से निकाल दिया।
एक दिन फराज ने महिला को फोन कर नगीना बुलाया। प्यार का झाँसा देकर उससे निकाह करने की बात कही। फराज ने अक्टूबर, 2016 में मौलवी को बुलवाकर अपने तीन दोस्तों के सामने पहले उसका धर्म परिवर्तन करवाया फिर मौलाना से फर्जी निकाह पढ़वा दिया। इसके बाद उसने महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए और 5 लाख रुपए भी लिए। कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन कुछ दिन बाद वह महिला से दूरियाँ बनाने लगा।
मनीषा ने अपने पति रमज़ान अंसारी से प्रति माह तीन हज़ार रुपए बतौर गुज़ारा भत्ता और कमेटी का 40 हज़ार रुपए की माँग की है। रमज़ान ने यह रक़म देने पर मौखिक रूप से सहमति जताई है, इसलिए इस मामले में कोई मुक़दमा दर्ज नहीं किया जा रहा है।