Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकहॉं गए पाकिस्तान के सिख: 15 साल में 40 हजार से 8 हजार हो...

कहॉं गए पाकिस्तान के सिख: 15 साल में 40 हजार से 8 हजार हो गए

पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कोई ख़ास क़ानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है। अफ़गानिस्तान और ईरान में भी सिखों की ऐसी ही हालत है।

सिख लड़की को घर से उठाकर आतंकी से निकाह कराने की घटना ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार को फिर से बेनकाब कर दिया है। जिस पाकिस्तान में गुरु नानक देव का जन्मस्थान ननकाना साहिब है वहॉं सिखों के वजूद पर ही खतरा मॅंडरा रहा है।

15 साल में उनकी आबादी घटकर 40 हजार से 8 हजार पर सिमट गई है। सिखों का अस्तित्व खत्म करने के लिए कितनी बड़ी साजिश चल रही है इसे गुरुवार (29 अगस्त) को सामने आई घटना से भी समझा जा सकता है।
ननकाना साहिब गुरुद्वारा तंबी साहिब के एक ग्रन्थि (सिख पुजारी) की 19 साल की बेटी को घर से गुंडे घसीट कर ले गए। जबरन इस्लाम क़बूल करवाया और फिर हाफ़िज सईद के आतंकी संगठन के जमात-उद-दावा के मोहम्मद हसन से उसका निक़ाह करवा दिया गया।

मामले के तूल पकड़ने पर पहले पीड़ित लड़की का एक वीडियो सामने आया। इसमें बताया गया कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम क़बूल कर हसन से निक़ाह की है। फिर लड़की को डराने-धमकाने की बात सामने आई। इस्लाम क़बूल नहीं करने पर उसके पिता और भाई को गोली से मार देने की धमकी दी गई। अब भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने दबाव के कारण पीड़िता को सुरक्षित उसके घर पहुँचाने की बात सामने आई है।

लेकिन हर मामला न तो इतना तूल पकड़ पाता है और न ही उस तरह से पाकिस्तान पर दबाव बन पाता है। लिहाजा, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का सिलसिला दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। ख़बर के अनुसार, पाकिस्तान में 2017 में हुई जनगणना में सिखों की आबादी 8 हजार है। 2002 में पाक में सिखों की आबादी 40 हज़ार होने का अनुमान लगाया गया था।

लाहौर के जीसी कॉलेज यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक और अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ता प्रोफेसर कल्याण सिंह के अनुसार सिखों की आबादी घटने का एक बड़ा कारण जबरन धर्म परिवर्तन भी है। विश्व के समृद्ध सिख समुदाय की ओर से पाकिस्तान के सिखों की दशा की अनदेखी को भी वे इसके लिए ज़िम्मेदार मानते ।

उन्होंने कहा कि अफ़गानिस्तान और ईरान में भी सिखों की ऐसी ही हालत है। पाकिस्तान में सिखों या अल्पसंख्यकों के लिए अपना कोई फैमिली लॉ जैसा मज़बूत क़ानून नहीं है। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कोई ख़ास क़ानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है। 

पाकिस्तान की प्रशासनिक व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जाँचकर्ता से लेकर वकील और जज तक, अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम हैं। इसलिए सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों का क़ानूनी तौर पर कोई समधान मौजूद ही नहीं होता। शेष बचे आठ हज़ार सिखों की सबसे बड़ी परेशानियों में शिक्षा, ग़रीबी और भेदभाव जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -